राजस्थान का इकलौता मंदिर जहाँ होती है खंडित शिवलिंग की पूजा! चमत्कार देखे भाग खड़ा हुआ था औरंगजेब का सेनापति, वीडियो में जाने पूरी कहानी
विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर के अलावा थोड़ी ही दूरी पर भगवान शिव का एक प्राचीन और चमत्कारी मंदिर मौजूद है। इस मंदिर की खास बात यह है कि औरंगजेब के सेनापति ने इस मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी। वह मंदिर को तोड़ने में तो असफल रहा, लेकिन उसने शिवलिंग को तोड़ दिया। आज भी इस मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है। बाबा श्याम के दर्शन करने आने वाले भक्त इस मंदिर में जरूर आते हैं। यह मंदिर खाटूश्याम जी कस्बे के मुख्य बाजार में स्थित है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस शिव मंदिर में मौजूद शिवलिंग विक्रम संवत 600 का है। शिवलिंग की आकृति और संरचना को देखकर यह बेहद चमत्कारी लगता है।
भाले से वार कर शिवलिंग को तोड़ा गया
खाटूश्याम जी कस्बे के कबूतर चौक निवासी राकेश गोयल ने बताया कि औरंगजेब के सेनापति मुर्तजा खान हर्ष पर्वत पर मौजूद शिव मंदिर को नष्ट करने के बाद प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटूश्याम जी पहुंचे थे। यहां उसने सबसे पहले मुख्य बाजार में स्थित प्राचीन शिव मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया। इस दौरान औरंगजेब के सेनापति मुर्तजा खान ने सबसे पहले मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर भाले से हमला किया। जिस स्थान से मुर्तजा खान ने भाले से शिवलिंग पर हमला किया, वहां से अपने आप खून बहने लगा। यह देखकर वह डर गया और मंदिर को तोड़े बिना ही अपनी सेना के साथ वापस लौट गया।
आज भी होती है खंडित मूर्ति की पूजा
स्थानीय निवासी राकेश गोयल ने बताया कि औरंगजेब के सेनापति मुर्तजा खान ने जिस खंडित शिवलिंग से भाले से हमला किया था, वह आज भी मौजूद है। इस मंदिर में खंडित शिवलिंग की ही पूजा होती है। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण 1600 वर्ष पूर्व बने इस प्राचीन शिव मंदिर में भव्य निर्माण कराया गया है। इस मंदिर को भव्य बनाने में करीब 60 लाख रुपए खर्च हुए हैं। श्याम बाबा के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु प्राचीन शिव मंदिर के भी दर्शन करते हैं।