दलितों-आदिवासियों की योजनाओं के लिए बजट हिस्सेदारी तय करने का कानून बने', राहुल गांधी की मांग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मांग की है कि ऐसा कानून बनाया जाए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि दलितों और आदिवासियों के लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं को बजट में उचित हिस्सा मिले। उन्होंने दलितों और आदिवासियों को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने की भी अपील की। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में दलित और आदिवासी समुदायों से जुड़े शोधकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगाया आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि दलितों और आदिवासियों के लिए केंद्रीय बजट का एक निश्चित हिस्सा आवंटित करने के लिए एक कानून बनाया जाए। कर्नाटक और तेलंगाना में ऐसा कानून पहले से ही लागू है और इन समुदायों को वहां इसका लाभ मिला है। यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर दलितों और आदिवासियों के लिए 'उप-योजनाएं' भी शुरू कीं। हालांकि, मोदी सरकार के दौरान यह प्रावधान कमजोर पड़ गया है और बजट का बहुत कम हिस्सा इन वर्गों तक पहुंच रहा है।
गांधी ने सोशल मीडिया पर शेयर की गई पोस्ट में लिखा कि 'दलित और आदिवासी लंबे समय से अधिकारों और प्रतिनिधित्व के लिए लड़ रहे हैं। आज हमें यह सोचने की जरूरत है कि उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी और शासन में आवाज देने के लिए और क्या ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, 'हमें एक राष्ट्रीय कानून की आवश्यकता है जो दलितों और आदिवासियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए विशेष रूप से बनाई गई योजनाओं के लिए बजट में उचित हिस्सेदारी सुनिश्चित करे।'