विराट कोहली के आवाज उठाने के बाद बीसीसीआई परिवार के साथ रहने की नीति पर पुनर्विचार कर सकता है: सूत्र
क्रिकेट न्यूज़ डेस्क। पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम लागू किए थे।बीसीसीआई के द्वारा जारी गाइडलाइन में खिलाड़ियों के परिवारों को लेकर भी नियम थे, जिनको लेकर लगातार बवाल मचा हुआ है। बीसीसीआई के परिवार से जुड़े नियमों पर विराट कोहली ने भी हाल ही में प्रतिक्रिया दी थी, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट में नई बहस छिड़ गई है। विराट कोहली के आवाज उठाने के बाद सामने आया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ परिवारों को ले जाने के नियमों में ढील देने पर विचार कर सकता है।
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— vipul kashyap (@kashyapvipul) March 18, 2025
BCCI is likely to adjust to the family rule on tours, if players want families for a long duration of time on a tour so they can apply for permission with BCCI and the board will do their best : Source @BCCI
वर्तमान परिवार नीति क्या कहती है?
विदेशी दौरे के दौरान 45 दिनों से अधिक समय तक भारत से अनुपस्थित रहने वाले खिलाड़ियों को उनके साथी और बच्चों (18 वर्ष से कम) के साथ प्रति श्रृंखला (प्रारूप के अनुसार) एक बार दो सप्ताह की अवधि के लिए मिलने की अनुमति दी जा सकती है।
बीसीसीआई खिलाड़ियों के साथ रहने की अवधि के दौरान उनके आवास का खर्च उठाएगा। अन्य सभी खर्च खिलाड़ी को ही उठाने होंगे।
दौरे का समय कोच, कैप्टन और जीएम ऑपरेशन्स द्वारा तय की गई तिथियों के दौरान एक ही समय पर निर्धारित किया जाना चाहिए।
इस नीति से किसी भी तरह के विचलन के लिए कोच, कप्तान और जीएम संचालन से पहले से मंजूरी लेनी होगी। विजिटर अवधि के बाहर अतिरिक्त खर्च बीसीसीआई द्वारा वहन नहीं किया जाएगा।
विराट ने नियमों के खिलाफ उठाई आवाज
विराट ने हाल ही में कहा था,अगर आप किसी खिलाड़ी से पूछें कि क्या आप चाहते हैं कि आपका परिवार हर समय आपके आसपास रहे? तो आप कहेंगे, हां। मैं अपने कमरे में जाकर अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। मैं सामान्य होना चाहता हूं। और फिर आप अपने खेल को वास्तव में एक जिम्मेदारी के रूप में ले सकते हैं। आप उस जिम्मेदारी को पूरा करते हैं और आप जीवन में वापस आ जाते हैं।"
विराट कोहली के द्वारा बीसीसीआई के नियमों पर आवाज उठाने के बाद दिग्गज कपिल देव ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह क्रिकेट बोर्ड का फैसला है। मेरा मानना है कि हां, आपको परिवार की जरूरत है, लेकिन हां, आपको हर समय एक टीम की भी जरूरत होती है। हमारे समय में हम खुद से कहते थे कि क्रिकेट बोर्ड को पहले हाफ में मुझे क्रिकेट खेलने नहीं देना चाहिए। दूसरे हाफ में परिवारों को भी वहां आना चाहिए और इसका लुत्फ उठाना चाहिए। यह मिश्रित होना चाहिए।"