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शनि की साढ़े साती से डरने की नहीं जरुरत, अपनाएं वीडियो में बताए गए ये 6 उपाय और पाएं समाधान

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन शनि मंदिर में उनके नाम का दीपक जलाने से कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। वे लोगों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि की शुभ स्थिति होती है, उन्हें करियर, व्यापार और शिक्षा में सफलता मिलती है। लेकिन अगर स्थिति ठीक न हो तो कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, जो लोग शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में होते हैं, उन्हें मुश्किलें बढ़ने की संभावना होती है। ऐसे लोगों को नौकरी, व्यापार और वैवाहिक जीवन में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान कुछ उपाय करके शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

शनिवार के उपाय
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव के प्रभाव को शांत करने के लिए शनि यंत्र की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान काली गाय को उड़द की दाल या तिल भी खिलाएं। ऐसा करना शुभ होता है।

शनिवार के दिन सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें। इसके बाद इस तेल का दान कर दें। इससे कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें। इस दिन शनि मंदिर में जाकर उन्हें सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें। इस दौरान शनि चालीसा का पाठ भी अवश्य करें। इससे शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल सकती है।

शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के नौ दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए, इससे मनचाही नौकरी मिलने में मदद मिलती है।

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन तिल, काली उड़द और काले कपड़े दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इस दौरान आप लोहा भी दान कर सकते हैं। यह बहुत शुभ होता है।

शनिवार के दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इस दौरान 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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