37 साल पहले आई रामानंद सागर की Ramayan ने टीवी की दुनिया में मचा दिया था तहलका, बहत मुश्किल से हुई थी 'रावण' की खोज
टीवी न्यूज़ डेस्क - रामायण को दूरदर्शन का पहला पौराणिक शो माना जाता है। निर्देशक रामानंद सागर ने जिस तरह से इस सीरियल को तैयार किया, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. रामायण में हर किरदार की कास्टिंग बहुत ही हाई लेवल पर की गई थी। फिर चाहे वो भगवान राम का किरदार हो, हनुमान जी का और माता सीता का। इसी तरह रावण के किरदार के लिए मेकर्स ने खास प्लानिंग की और करीब 400 ऑडिशन के बाद अरविंद त्रिवेदी के रूप में रामानंद को अपनी रामायण के लिए लंकेश्वर मिल गया। आइए जानते हैं रामायण में उनकी एंट्री के बारे में विस्तार से।
रामायण में अरविंद त्रिवेदी की कास्टिंग थी खास
दूरदर्शन की रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने के लिए अरुण गोविल जैसे एक्टर जाने जाते हैं. लेकिन लंकापति रावण का किरदार जिस तरह से अरविंद त्रिवेदी ने निभाया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. आज बेशक अरविंद हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्हें आज भी रामायण के रावण के तौर पर याद किया जाता है. रामायण में उनकी कास्टिंग काफी दिलचस्प थी, जिसका खुलासा उन्होंने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में किया. गुजराती फिल्मों की वजह से ही मुझे रामायण में काम मिला था। रावण के किरदार के लिए 400 से ज्यादा लोग ऑडिशन देने आए थे। लेकिन मुझे यह रोल भगवान राम की कृपा से मिला। मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि मुझे इस रोल के लिए चुना गया।
अरविंद असल जिंदगी में सच्चे शिव भक्त थे
बेशक अरविंद त्रिवेदी ने छोटे पर्दे पर रामायण में रावण के किरदार को अमर कर दिया। लेकिन असल जिंदगी में वे सच्चे शिव भक्त थे। वे लगातार भगवान शिव शंकर की पूजा करते थे। शिव भक्त होने के नाते अरविंद ने रावण का किरदार निभाकर एक नई मिसाल कायम की। क्योंकि रावण को सबसे बड़ा शिव भक्त भी माना जाता था।
अरविंद ने 250 से ज्यादा फिल्में कीं
अरविंद ने रामायण टीवी सीरियल ही नहीं बल्कि फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने बताया था- मैंने अपने एक्टिंग करियर में 250 से ज्यादा फिल्में कीं, जिनमें ज्यादातर गुजराती फिल्में और प्रेम बंधन जैसी कई हिंदी फिल्में शामिल हैं। रामायण के बाद अरविंद त्रिवेदी को असल जिंदगी में भी भगवान राम का आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा कि रामायण के बाद मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। मैंने गुजरात की सांबरकाठा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीतकर सांसद बना।