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कानून तोड़ने वाले की अब खैर नहीं...लोकसभा से पास हुआ इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025, जानें क्या हैं प्रावधान?

आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जहां इस विधेयक को देश की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया, वहीं कुछ विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। आव्रजन एवं विदेशी विधेयक 2025 में 7 वर्ष....

आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जहां इस विधेयक को देश की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया, वहीं कुछ विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। आव्रजन एवं विदेशी विधेयक 2025 में 7 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। आइये जानते हैं क्या हैं प्रावधान?


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। जो लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं उन्हें देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई देश के विकास में योगदान देने आता है तो उसका हमेशा स्वागत है। शाह ने कहा कि चाहे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, अगर वे भारत में अशांति फैलाने आएंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

7 साल की कैद और 10 लाख जुर्माना

आव्रजन एवं विदेशी विधेयक 2025 में नियमों का उल्लंघन करने पर 7 साल की कैद और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इस विधेयक का उद्देश्य भारत के आव्रजन नियमों को आधुनिक और मजबूत बनाना है। यह विधेयक केन्द्र सरकार को भारत में प्रवेश करने और भारत से बाहर जाने वाले व्यक्तियों के लिए पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों की आवश्यकताओं तथा विदेशियों से संबंधित मामलों को विनियमित करने की शक्ति प्रदान करेगा। इनमें वीज़ा और पंजीकरण आवश्यकताएं तथा संबंधित मामले शामिल हैं।

इस विधेयक में क्या प्रावधान हैं?

आव्रजन एवं विदेशी विधेयक 2025 के तहत देश में आने-जाने वाले लोगों के लिए पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेज अनिवार्य कर दिए जाएंगे। विदेशियों के वीज़ा और पंजीकरण की प्रक्रिया नए सिरे से तय की जाएगी। विदेशी नागरिकों से संबंधित मामलों में केन्द्र सरकार को अधिक अधिकार दिये जायेंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि आव्रजन से जुड़ा यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

विपक्ष ने उठाए सवाल

विपक्ष के कई सदस्यों ने इस विधेयक पर सवाल उठाए और इसे संसद की अस्थायी समिति को भेजने की मांग की। दरअसल, इस विधेयक में कानूनी स्थिति साबित करने की जिम्मेदारी राज्य के बजाय व्यक्ति पर डाल दी गई है। यह विधेयक स्पष्ट रूप से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा माने जाने वाले किसी भी विदेशी नागरिक के प्रवेश या निवास पर प्रतिबंध लगाता है। इसमें यह भी अनिवार्य किया गया है कि सभी विदेशी आगमन पर पंजीकरण कराएं तथा उनकी आवाजाही, नाम परिवर्तन तथा संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

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