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डेंटल ही नहीं ‘ब्रेन फ्लॉसिंग’ भी जरूरी, तनाव को कम रखने में मददगार

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। ब्रेन फ्लॉसिंग काफी ट्रेंड में है। डेंटल फ्लॉसिंग में हम जहां ओरल हेल्थ का ख्याल रखते हैं, वहीं ब्रेन फ्लॉसिंग में दिमाग में जो गंदगी रूपी तनाव है या मानसिक दबाव है, उसे निकाल फेंकते हैं। जब से हम वर्चुअल दुनिया के करीब आए हैं, तब से दिमाग कई चीजों को बुनने लगा है। शारीरिक से ज्यादा मानसिक श्रम में ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसे में ब्रेन फ्लॉसिंग तनाव मुक्त होने का अच्छा टूल हो सकता है।

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। ब्रेन फ्लॉसिंग काफी ट्रेंड में है। डेंटल फ्लॉसिंग में हम जहां ओरल हेल्थ का ख्याल रखते हैं, वहीं ब्रेन फ्लॉसिंग में दिमाग में जो गंदगी रूपी तनाव है या मानसिक दबाव है, उसे निकाल फेंकते हैं। जब से हम वर्चुअल दुनिया के करीब आए हैं, तब से दिमाग कई चीजों को बुनने लगा है। शारीरिक से ज्यादा मानसिक श्रम में ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसे में ब्रेन फ्लॉसिंग तनाव मुक्त होने का अच्छा टूल हो सकता है।

मनोचिकित्सकों का मानना है कि ब्रेन फ्लॉसिंग एक मानसिक स्वास्थ्य घटना है, जो आपके दिमाग को साफ करने के विचार से प्रेरित है और आज के बदलते परिवेश में कोलाहल के बीच 8डी ऑडियो खासी मदद कर सकता है। 8डी यानि 8 डायरेक्शन साउंड। इसमें संगीत सुनने के दौरान आप दूसरी दुनिया में खो जाते हैं। ऐसा लगता है जैसे 8 दिशाओं से आवाज आ रही है।

8डी ऑडियो से ऐसा महसूस होता है जैसे संगीत एक कान से दूसरे कान तक जा रहा है या आपके सिर के चारों ओर घूम रहा है, जिससे यह अनुभूति होती है कि आप मस्तिष्क से अवांछित गंदगी साफ कर रहे हैं।

बता दें, 8डी ऑडियो ध्वनि इंजीनियरिंग का एक रूप है, जिसके परिणामस्वरूप सुनने का अनुभव अधिक गहन होता है, जहां ध्वनि को इस तरह से महसूस किया जा सकता है जैसे वह आपके चारों ओर से आ रही हो। यह मस्तिष्क के दोनों गोलार्धों को सक्रिय करता है, जिससे आराम मिलता है।

आयुष निदेशालय दिल्ली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसएजी) और इहबास इकाई के प्रभारी डॉक्टर अशोक शर्मा इसे मस्तिष्क का 'रीसेट बटन' भी कहते हैं, जो अनर्गल विचारों या तनाव को दूर कर दिमाग को रीसेट कर देता है।

डॉक्टर शर्मा के मुताबिक, इसके लिए ईयरफोन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह कान के दोनों ओर ध्वनियों को अलग करता है और फिर एक खूबसूरत सी भ्रम की स्थिति को पैदा करता है। यह तकनीक न केवल आपको आराम करने, सोने और तनावमुक्त होने में मदद कर सकती है, बल्कि यह आपको अध्ययन करने और ध्यान केंद्रित करने में भी मदद कर सकती है।

मनोचिकित्सकों के मुताबिक, ब्रेन फ्लॉसिंग से लोगों को अपनी भावनाओं को समझने या आघात से उबरने में मदद मिलती है। ऐसे लोगों की गिनती भी कम नहीं जो एक सत्र के बाद तरोताजा और मानसिक रूप से "हल्का" महसूस करते हैं।

कुल मिलाकर कह सकते हैं कि ब्रेन फ्लॉसिंग आसान सेल्फ केयर है, जिसमें जरूरत सिर्फ एक जोड़ी हेडफ़ोन और शांत स्थल की होती है।

--आईएएनएस

केआर/

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