ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन हनुमान जयंती को खास बताया गया है जो कि भगवान हनुमान को समर्पित दिन है। पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस तिथि पर हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। हनुमान भक्तों के लिए यह पर्व बेहद ही महत्वपूर्ण होता है इस दिन खासतौर पर हनुमान मंदिरों में पूजा पाठ होता है और भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
हनुमान जयंती के दिन भक्त पूजा पाठ और व्रत आदि करते हैं। इस साल हनुमान जयंती का व्रत 12 अप्रैल दिन शनिवार को किया जाएगा, तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
हनुमान जयंती का मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 12 अप्रैल को प्रात: 3 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 13 अप्रैल को प्रात: 5 बजकर 51 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में हनुमान जयंती का पर्व 12 अप्रैल दिन शनिवार को मनाया जाएगा।
हनुमान जयंती पूजा विधि—
हनुमान जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद हनुमान जी का ध्यान करें। इस दिन हनुमान मंदिर जाकर भगवान को सिंदूर अर्पित करें या फिर चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर हनुमान भी को चढ़ाएं। इसी के साथ आप उन्हें सिंदूरी रंग का लंगोट, मीठे पान का बीड़ा अर्पित करें।
साथ ही हनुमान जी की पूजा में चमेली के तेल दीपक जलाएं और उन्हें गुड़ चने का भोग लगाएं। अंत में भगवान हनुमान के मंत्रों का जाप करें और चालीसा भी पढ़ें। इस दिन भगवान की आरती करें। मान्यता है कि ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं और सभी संकट को दूर कर देते हैं।