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आयुष्मान खुराना ने रची ‘मुझे सिर्फ तुम्हें देखना है’ कविता

मुंबई, 23 मार्च (आईएएनएस)। अभिनेता आयुष्मान खुराना अभिनय, गायन में जितने पारंगत हैं, उतनी ही उनकी कलम भी जादू बिखरेती है। अभिनेता ने स्व रचित 'हिंग्लिश' कविता ‘मुझे सिर्फ तुम्हें देखना है’ प्रशंसकों के सामने रखी।

मुंबई, 23 मार्च (आईएएनएस)। अभिनेता आयुष्मान खुराना अभिनय, गायन में जितने पारंगत हैं, उतनी ही उनकी कलम भी जादू बिखरेती है। अभिनेता ने स्व रचित 'हिंग्लिश' कविता ‘मुझे सिर्फ तुम्हें देखना है’ प्रशंसकों के सामने रखी।

आयुष्मान खुराना ने इंस्टाग्राम के स्टोरीज सेक्शन पर कविता शेयर की। कविता कुछ इस तरह से है, “मुझे सिर्फ तुम्हें देखना है, उसने मुझसे बस इतना पूछा, मैं तुम्हें कैसी लगती हूं? तुम जैसी हो, जो करती हो, जो पहनती हो, तुम्हारी इच्छा है... मुझे अच्छी लगती हो। तुमने पूछा तो बता रहा हूं, इसलिए कविता आज तुम्हें सुना रहा हूं। नहीं देखनी तुम्हारी लिटिल ब्लैक ड्रेस, या हाई हील्स... हाई हील से डरता हूं। मैं, कद में 6 फुट लेकिन मोहब्बत में 60 फुट से ऊपर हूं।”

खूबसूरत कविता के आगे की पंक्तियां हैं, “तुम आना अपने सबसे साबुत लिबास में, जो नाइट सूट वाली टी-शर्ट तुम्हारी मम्मी ने फेंक देने को कही थी, वो पहन कर आना। एक कपल के रूप में हमें कंफर्टेबल दिखना चाहिए। मैं तुम्हारे साथ चमकना नहीं, भीड़ में गुम हो जाना चाहता हूं। मैं तुम्हारी तैयारी नहीं, सिर्फ तुम्हें देखना चाहता हूं। तुम्हारे महंगे कपड़े, तुम्हें कम कीमती बना देते हैं।”

कविता में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कविता ‘तुम जैसी हो, वैसे ही आ जाओ’ का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे लिखा, “जैसे टैगोर ने कहा था कि, 'जैसी हो वैसे ही आ जाओ, शृंगार को रहने दो, जो सोचा मेरा मन है तुम्हारे लिए कहने का, कहने दो, बहने दो। अगर तुम्हारे हाल बिखरे हैं तो बिखरने दो, बिगड़ने दो जैसे तुम मुझसे बिगड़ती हो, मतलब... मुझे अच्छा लगता है कभी-कभी जब तुम सिर्फ मेरे लिए संवरती हो।”

इससे पहले विश्व कविता दिवस के मौके पर आयुष्मान खुराना अपनी कविता का एक वीडियो शेयर किया था।

आयुष्मान खुराना बेहतरीन कवि और शायर हैं और अपनी रचनाओं के साथ सोशल मीडिया पर अक्सर महफिल जमाते नजर आते हैं। अभिनेता पैरालंपिक विजेताओं के लिए भी एक कविता की रचना की थी, जिसे उन्होंने एक कार्यक्रम में सुनाया था।

उनकी कविता में हौसले और जज्बे की दास्तान छिपी थी। जो कुछ यूं थी- ‘ये खिलाड़ी कुछ जिंदगी जी कर और कई जिंदगी मरकर आए हैं। विश्वस्तर की सीरीज में आगे बढ़कर आए हैं और जिंदगी की चुनौतियां शिखर पर चढ़कर आई हैं। ये वो लोग हैं दोस्तों जो किस्मत की लकीरों से लड़कर आए हैं।’

--आईएएनएस

एमटी/केआर

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