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2 मिनट के इस वीडियो में जानिए आखिर कैसे शुरू हुई तिरुपति मंदिर में बाल दान करने की परंपरा

तिरुपति बालाजी मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर न केवल दर्शन के लिए देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध है, बल्कि यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं। इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां भक्त अपने बाल दान....

तिरुपति बालाजी मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर न केवल दर्शन के लिए देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध है, बल्कि यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं। इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां भक्त अपने बाल दान करते हैं। ऐसा शायद ही दुनिया के किसी मंदिर में हुआ होगा। ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति अपने सारे बाल तिरुपति बालाजी को दान कर दे तो भगवान उसे दस गुना धन लौटाते हैं। इसके अलावा, जो व्यक्ति बाल दान करता है उसे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइये हम आपको बाल दान करने वाले लोगों के पीछे की कहानी बताते हैं।

तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। अगर आप सोच रहे हैं कि मंदिर में सिर्फ पुरुष ही बाल कटवाते हैं तो आप गलत हैं, यहां बच्चों और पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बाल कटवाती हैं। महिलाएं धन प्राप्ति के लिए भी अनेक व्रत रखती हैं तथा मनोकामना पूर्ण होने पर अपने लम्बे बाल दान कर देती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति तिरुपति बालाजी में अपने बाल दान करता है, वह अपने पापों और बुराइयों को अपने बालों के रूप में यहीं छोड़ जाता है। इससे भगवान भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। आपको बता दें, यहां 20 हजार से ज्यादा लोग अपने बाल दान करते हैं। इसके अलावा, यहां 500 से अधिक नाई बैठे हैं, जिनसे आप अपने बाल कटवा सकते हैं।

देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने और मनोकामनाएं पूरी करने के लिए तिरुपति में बाल दान करने के पीछे एक पौराणिक कारण है। पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन समय में भगवान बालाजी की मूर्ति पर बहुत सारी चींटियों का पहाड़ बन गया था। उस पर्वत पर एक गाय प्रतिदिन आती और दूध देकर चली जाती। जब गाय के मालिक को इस बारे में पता चला तो वह क्रोधित हो गया और उसने गाय को कुल्हाड़ी से मार डाला।

इस हमले में बालाजी के सिर पर भी चोट आई और उनके बाल भी झड़ गए। तब भगवान बालाजी की माता नीला देवी ने अपने बाल काटकर बालाजी के सिर पर रख दिये। इस तरह भगवान के सिर का घाव पूरी तरह ठीक हो गया। खुश होकर भगवान ने उससे कहा कि बाल शरीर की सुंदरता बढ़ाते हैं और तुमने मेरे लिए इसका त्याग किया। आज से जो भी मेरे लिए अपने बाल त्यागेगा, उसकी हर इच्छा पूरी होगी। तब से भक्तगण बालाजी मंदिर में अपने बाल दान करते आ रहे हैं। इस मंदिर के पास नीलादरी पहाड़ियाँ हैं, जिस पर नीला देवी का मंदिर भी स्थित है।

तिरुपति बालाजी मंदिर में हर साल लाखों किलो बाल दान किए जाते हैं। हर साल दुनिया भर से श्रद्धालु तिरुपति मंदिर को लगभग 500 से 600 टन मानव बाल दान करते हैं। दैनिक प्रक्रिया के अनुसार, तथा बालों को साफ और स्वच्छ रखने के लिए, कटे हुए बालों को उबाला जाता है, धोया जाता है, सुखाया जाता है और सही तापमान पर संग्रहित किया जाता है। फिर उन्हें श्रेणी के अनुसार वेबसाइट पर बेचा जाता है। बालों की ऑनलाइन नीलामी का आयोजन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा किया जाता है। दान किये गये बालों की ई-नीलामी से करोड़ों रुपये की कमाई होती है।

तिरुपति बालाजी मंदिर को दान किये गये बाल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेचे जाते हैं। इनका उपयोग करने का सबसे लोकप्रिय तरीका बालों की विग के रूप में है, जिनकी यूरोप, अमेरिका, चीन, अफ्रीका और अन्य स्थानों के बाजारों में काफी मांग है।

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