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राजस्थान के इस म​हल 300 सालों से खुद-ब-खुद जल रहा है दीया, आज तक कोई नहीं सुलझा पाया ये रहस्य, वीडियो में देखे इसकी पूरी कहानी

राजस्थान की धरती पर कई ऐतिहासिक किले और महल स्थित हैं, जो अपनी भव्यता और रहस्य से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। लेकिन इनमें से एक किला ऐसा भी है जो अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ अपनी भूतिया कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। यह किला है भानगढ़ किला, जिसे भारत का सबसे डरावना और प्रेतवाधित किला माना जाता है। भानगढ़ किला अपनी रहस्यमयी घटनाओं और अतीत की दिलचस्प कहानियों के कारण रोमांच प्रेमियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।

भानगढ़ किले का इतिहास

भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में आमेर के राजा भगवंत दास ने अपने पुत्र माधो सिंह के लिए करवाया था। यह किला कभी एक समृद्ध नगर था, जहाँ राजा-महाराजाओं का वास था। लेकिन समय के साथ इस नगर का पतन हो गया और अब यह एक खंडहर में तब्दील हो चुका है। इस किले के इतिहास से जुड़ी कई रहस्यमयी कहानियाँ हैं, जिनकी वजह से इसे एक भूतिया किले के रूप में जाना जाता है।

भानगढ़ किले से जुड़ी रहस्यमयी कहानियाँ

1. राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक की कहानी

भानगढ़ किले से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध कहानी राजकुमारी रत्नावती और एक तांत्रिक की है। कहा जाता है कि राजकुमारी रत्नावती अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध थीं। एक तांत्रिक उनसे प्रेम करता था और उसने एक जादुई तेल बनाकर राजकुमारी को वश में करने की कोशिश की। लेकिन राजकुमारी को उसकी चाल समझ आ गई और उन्होंने उस जादुई तेल को एक पत्थर पर डाल दिया। कहा जाता है कि वह पत्थर लुढ़कता हुआ तांत्रिक के पास जा पहुँचा और उसकी मृत्यु हो गई। मरने से पहले तांत्रिक ने पूरे भानगढ़ नगर को श्राप दे दिया कि यह नगर जल्द ही नष्ट हो जाएगा। कुछ समय बाद युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के कारण यह नगर वीरान हो गया और इसे भूतिया स्थान माना जाने लगा।

2. रहस्यमयी आवाज़ें और परछाइयाँ

कई पर्यटक और स्थानीय लोग बताते हैं कि किले के अंदर अजीबोगरीब आवाज़ें सुनाई देती हैं। कभी किसी महिला की चीखने की आवाज़ आती है, तो कभी किसी के चलने की आहट महसूस होती है। कई बार यहाँ लोगों ने रहस्यमयी परछाइयाँ भी देखी हैं।

3. रात में प्रवेश निषेध

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा इस किले को रात में बंद कर दिया जाता है और सूरज ढलने के बाद यहाँ किसी को भी रुकने की अनुमति नहीं होती। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति रात के समय इस किले में गया, वह कभी लौटकर नहीं आया।

भानगढ़ किले की वास्तुकला

हालाँकि यह किला अब खंडहर में बदल चुका है, लेकिन इसकी वास्तुकला आज भी इसकी भव्यता को दर्शाती है। यह किला चारदीवारी से घिरा हुआ है और इसके अंदर कई महल, मंदिर और बाजार स्थित हैं। किले के मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर अंदर हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर और अन्य छोटे-बड़े मंदिर देखने को मिलते हैं। इसके अलावा यहाँ कई हवेलियाँ और महल भी हैं, जो इस किले के वैभवशाली अतीत को दर्शाते हैं।

भानगढ़ किला कैसे पहुँचे?

भानगढ़ किला जयपुर से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिज़र्व के पास स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए जयपुर या अलवर से टैक्सी या निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है।

भानगढ़ किले की यात्रा के लिए आवश्यक जानकारी

  • किला सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

  • यहाँ रात में रुकने की अनुमति नहीं है।

  • किले के अंदर जाने से पहले स्थानीय गाइड की मदद लेना अच्छा रहता है।

निष्कर्ष

भानगढ़ किला एक ऐसा स्थान है जो इतिहास, रहस्य और रोमांच का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। इसकी भव्यता और रहस्यमयी कहानियाँ इसे भारत के सबसे रहस्यमयी स्थलों में से एक बनाती हैं। चाहे आप इतिहास प्रेमी हों या रोमांच के शौकीन, भानगढ़ किला आपकी यात्रा का एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हो सकता है।

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