5 भाइयों के लिए 60 साल में बनकर तैयार हुई राजस्थान की ये हवेली, इस लीक्ड फुटेज में वजह जान आप भी रह जायेंगे भौचक्के
पूरे राजस्थान में कई किले बने हुए हैं। यहां हवेलियों की कोई कमी नहीं है. जैसलमेर पहुंचने पर आपको पटवा हवेली देखने को मिलेगी. यहां एक साथ 5 हवेलियां बनी हुई हैं। गुमान चंद पटवा ने अपने बेटों के लिए ये हवेली बनवाई थी। इसे बनवाते वक्त हर शाही और खूबसूरत नमूना चुना गया था।लेकिन जब हवेली बनकर तैयार हुई तो वे वहां नहीं रह सके। हवेली तो छोड़िए, उन्हें जैसलमेर भी छोड़ना पड़ा।
क्या है इस हवेली का इतिहास
ये कहानी है गुमान चंद पटवा की, जो एक व्यापारी थे. उनके 5 बेटे थे जो जैसलमेर में व्यापार करना चाहते थे. असफलता मिलने पर वे एक जैन मंदिर के पुजारी से मिले. उन्होंने पटवा भाइयों को जैसलमेर छोड़ने की सलाह दी. पांचों भाइयों ने सलाह मान ली. इसके बाद उनका बैंकिंग और सोने-चांदी का कारोबार तेजी से बढ़ा. भाइयों का कारोबार बढ़ता देख उन्हें राज्य के घाटे की भरपाई के लिए बुलाया गया. इस वजह से वे जैसलमेर लौट आए. तब गुमान चंद पटवा ने अपने पांचों बेटों के लिए एक-एक हवेली बनवाई।
क्यों कहते हैं कोठारी की पटवा हवेली?
गुमान चंद पटवा ने अपने लाडले बेटों के लिए हवेली बनवाई, लेकिन बेटों की किस्मत जैसलमेर में नहीं लिखी थी। व्यापार में गिरावट आने लगी। न चाहते हुए भी उन्हें फिर शहर छोड़ना पड़ा। समय के साथ मालिक खुद हवेली के रखवाले बन गए। उन्होंने हवेली बेचने के लिए श्री जीवन लाल कोठारी से बात की। वे भी राजी हो गए। इसके बाद इस हवेली का नाम कोठारी की पटवा हवेली रख दिया गया।
5 मंजिला राजपुताना हवेली
पटवा हवेली के हर हिस्से में राजसी और खूबसूरत कलाओं का स्पर्श देखा जा सकता है। इन 5 हवेलियों का समूह शहर के बीचों-बीच बनी गलियों में बना हुआ है। इन हवेलियों में आपको नक्काशीदार खंभे, जालीदार बालकनी और कई सजावटी सामान देखने को मिलेंगे। इस हवेली को राजपूती और विक्टोरियन शैली में तैयार किया गया है। हवेली में बने कमरों में आज भी पलंग आदि रखे हुए हैं। कुछ लोग इस हवेली को 'ब्रोकेड व्यापारियों की हवेली' भी कहते हैं।
लोगों के लिए बना म्यूजियम
5 पटवा भाइयों की यह हवेली अब म्यूजियम बन चुकी है। यहां सालों पुरानी चीजों को देखने का मौका मिलता है। हवेली का एक हिस्सा राजस्थानी चीजों का बाजार बन चुका है। कुछ लोग इसे जैसलमेर का ताजमहल भी कहते हैं।
जानिए घूमने का सही समय
इस हवेली की खूबसूरती को देखने के लिए आप सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक जा सकते हैं। यहां जाने के लिए आपको 20 रुपए का टिकट खरीदना होगा। आप एक्स्ट्रा टिकट खरीदकर इस हवेली में कैमरा भी ले जा सकते हैं।