राजस्थान का सबसे रहस्यमयी किला, इस जगह को एक्सप्लोर करना हर किसी के बस की बात नहीं, वीडियो में देखें और जानें क्यों ?
राजस्थान की रेत से उठती कहानियों में कई रहस्य छिपे हैं। उन्हीं में से एक है अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला, जिसे भारत का सबसे डरावना और रहस्यमयी किला माना जाता है। इतिहास, लोककथाओं और रहस्य के ताने-बाने से बुना यह किला पर्यटकों के लिए रोमांच और रहस्य का प्रतीक बन चुका है।
भानगढ़ किले का स्थान
भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिज़र्व के पास स्थित है। यह जयपुर से लगभग 85 किलोमीटर और दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर है। यह किला अरावली पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है और आसपास की हरियाली, पहाड़ और खंडहर इसे एक अलौकिक रूप प्रदान करते हैं।
भानगढ़ किले का इतिहास
भानगढ़ किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में आमेर के राजा भगवंत दास ने अपने पुत्र माधो सिंह के लिए करवाया था। माधो सिंह के भाई, मानसिंह प्रथम, अकबर के नवरत्नों में शामिल थे। किला एक समय पर बहुत समृद्ध और खूबसूरत नगर था, जिसमें मंदिर, महल, बाजार और हवेलियाँ थीं।
भानगढ़ नगर की जनसंख्या कभी हजारों में थी और यह एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र माना जाता था। लेकिन एक समय के बाद यह क्षेत्र वीरान हो गया, और तब से यहां डरावनी कहानियाँ और भूतिया घटनाएं जुड़ती चली गईं।
भूत-प्रेत और रहस्य की कहानियाँ
भानगढ़ किले को लेकर सबसे प्रसिद्ध और डरावनी कहानियाँ इसके उजड़ने के कारण से जुड़ी हुई हैं। ऐसी दो प्रमुख लोककथाएँ प्रचलित हैं:
1. तांत्रिक सिंघिया की कथा
कहते हैं कि भानगढ़ में सिंघिया नामक एक तांत्रिक रहता था, जिसे किले की राजकुमारी रत्नावती से प्रेम हो गया था। रत्नावती अत्यंत सुंदर और बुद्धिमान थी। तांत्रिक ने उसे वश में करने के लिए जादू-टोना किया, लेकिन रत्नावती उसकी चाल को भाँप गई और जादुई तेल को एक पत्थर पर फेंक दिया। वह पत्थर तांत्रिक पर गिरा और उसकी मौत हो गई। मरने से पहले उसने भानगढ़ नगर को श्राप दे दिया कि यह जल्द ही नष्ट हो जाएगा।
कहते हैं कि उसी श्राप के कारण भानगढ़ उजड़ गया और नगर में कभी जीवन पुनः लौट नहीं पाया।
2. युद्ध और विनाश की कथा
दूसरी कथा के अनुसार भानगढ़ और अजबगढ़ के बीच हुए युद्ध में भानगढ़ के अधिकांश निवासी मारे गए और नगर वीरान हो गया। यह भी माना जाता है कि इस युद्ध के बाद वहाँ की आत्माएं भटकने लगीं।
डर और सरकार की चेतावनी
भानगढ़ किले को भारत सरकार का "अधिकारिक रूप से भूतिया घोषित" किया गया स्थल माना जाता है। भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने किले के प्रवेश द्वार पर एक चेतावनी बोर्ड लगाया है, जिसमें साफ-साफ लिखा है:
“सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले इस परिसर में प्रवेश करना निषिद्ध है।”
यह चेतावनी अपने आप में दर्शाती है कि इस स्थान को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।
किले की बनावट और संरचना
भानगढ़ किला चारों ओर से ऊँची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसमें प्रवेश के लिए पांच मुख्य द्वार हैं:
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लाहौरी गेट
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अजमेरी गेट
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फूलबाड़ी गेट
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दिल्ली गेट
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मुख्य प्रवेश द्वार
किले के अंदर कई पुराने मंदिर हैं, जैसे:
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सोमेश्वर मंदिर
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गोपीनाथ मंदिर
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केशव राय मंदिर
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मंगला देवी मंदिर
इसके अलावा यहाँ बाजार, हवेलियाँ, महल और बाग-बगीचे भी मौजूद हैं जो अब खंडहर में बदल चुके हैं। लेकिन इनकी वास्तुकला आज भी आकर्षण का केंद्र है।
पर्यावरण और प्राकृतिक सुंदरता
भानगढ़ का क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। किले के चारों ओर फैली हरियाली, झील, अरावली की पहाड़ियाँ और शांत वातावरण इसे एक अनोखा पर्यटन स्थल बनाते हैं। सरिस्का टाइगर रिजर्व भी इसके पास है, जिससे यह क्षेत्र और अधिक रोमांचक हो जाता है।
भानगढ़ में रात बिताना क्यों मना है?
भानगढ़ किले को लेकर अनेक रिपोर्ट्स आई हैं जिनमें पर्यटकों ने अजीब आवाज़ें, परछाइयाँ, और असामान्य घटनाएँ महसूस करने की बात कही है। हालांकि इन घटनाओं की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी लोगों का विश्वास इस जगह को रहस्यमयी बना देता है।
कुछ लोग कहते हैं कि किले के अंदर मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाता है, कम्पास काम नहीं करता और कैमरे खराब हो जाते हैं। कई वीडियोग्राफ़रों और पैरानॉर्मल एक्सप्लोरर्स ने यहां अजीबो-गरीब घटनाओं का दावा किया है।
पर्यटन और रोमांच
भानगढ़ किला अब एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है, खासकर उन लोगों के लिए जो इतिहास, रहस्य और एडवेंचर में रुचि रखते हैं। देश-विदेश से हजारों पर्यटक हर साल यहां आते हैं।
यहां जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम सुहावना होता है। दिन के समय आप किले की भव्यता, मंदिरों और वास्तुकला का आनंद ले सकते हैं।
कैसे पहुँचें भानगढ़?
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सड़क मार्ग: जयपुर से भानगढ़ 85 किमी और दिल्ली से 300 किमी की दूरी पर है। आप कार या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं।
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रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन अलवर है, जो लगभग 90 किमी दूर है।
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हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर है।
निष्कर्ष
भानगढ़ किला रहस्य, इतिहास और रोमांच का अद्भुत संगम है। यह किला एक तरफ हमें भारत की समृद्ध वास्तुकला और ऐतिहासिक विरासत से रूबरू कराता है, वहीं दूसरी ओर यह हमें हमारी लोककथाओं और मान्यताओं की शक्ति का भी अहसास कराता है।हालांकि इसके रहस्यों की सच्चाई आज भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह तय है कि भानगढ़ किला आने वाले हर पर्यटक के मन में एक अलग छाप छोड़ जाता है — एक छाया, जो रोमांच से भर देती है।