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दुनिया में जहां भी सनातनी हैं, रामनवमी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं : संजय सेठ

रांची, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। रामनवमी के मौके पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, भाजपा विधायक सी.पी. सिंह और भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री आशा लकड़ा रांची में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस अवसर पर आशा लकड़ा ने तलवारबाजी भी की। हजारों लोग इस भव्य उत्सव में शामिल हुए।

रांची, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। रामनवमी के मौके पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, भाजपा विधायक सी.पी. सिंह और भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री आशा लकड़ा रांची में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस अवसर पर आशा लकड़ा ने तलवारबाजी भी की। हजारों लोग इस भव्य उत्सव में शामिल हुए।

संजय सेठ ने कहा कि रामनवमी का पर्व पूरी दुनिया में सनातनियों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है और यह हमारी संस्कृति तथा परंपरा का अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि रांची इस समय पूरी तरह से केसरियामय और राममय हो गया है। ऐसा लगता है कि रांची में पूरी अयोध्या आ गई है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रामनवमी के दिन यहां विभिन्न धार्मिक आयोजन होते हैं, और तलवारबाजी एक परंपरा का हिस्सा है, जिसे हम हमेशा बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ करते हैं। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूत बनाता है। रांची में इस बार रामनवमी के दिन का माहौल बेहद खास था और लोग इस पर्व को बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मना रहे थे।

संजय सेठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीर्घायु होने की कामना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाना है, और हम भगवान राम से यह प्रार्थना करते हैं कि वह पीएम मोदी को शक्ति और ऊर्जा प्रदान करें ताकि वह अपने इस लक्ष्य को पूरा कर सकें।

उल्लेखनीय है कि रामनवमी का त्योहार हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है। यह भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में होता है। देश भर में इस दिन को धूमधाम, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। अलग-अलग क्षेत्रों में इसकी अपनी विशेष परंपराएं और रीति-रिवाज हैं, लेकिन कुछ मुख्य गतिविधियां पूरे भारत में देखने को मिलती हैं।

सबसे पहले, मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों को सजाया जाता है। भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और राम मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं। कई जगहों पर रामायण का पाठ किया जाता है, खासकर "रामचरितमानस" का। भक्त राम के जीवन और उनके आदर्शों को याद करते हुए भजन-कीर्तन में डूब जाते हैं। अयोध्या, जहां भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है, वहां का उत्सव सबसे भव्य होता है। वहां राम जन्मभूमि मंदिर में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं, और विशेष आयोजन जैसे शोभायात्राएं और झांकियां निकाली जाती हैं।

--आईएएनएस

पीएसएम/एकेजे

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