कैंसर से बंद अमाशय का रास्ता 10 मिनट में स्टेंट से खोला, रोगी को कोई चीरा नहीं लगा
कैंसर के कारण अवरुद्ध हुए पेट और आंतों के बीच के मार्ग को स्टेंट लगाकर खोला गया। हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में यह अपनी तरह का पहला मामला है। मरीज़ को एंडोस्कोपिक उपचार दिया गया। इसमें चीरा लगाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। इस प्रक्रिया में केवल 10 मिनट लगे। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. विनय कुमार की देखरेख में इलाज चला। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की टीम को बधाई दी।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुमार ने बताया कि बिधनू की 83 वर्षीय महिला पेट के कैंसर से पीड़ित है। इससे आंतों से जुड़ने वाला मार्ग अवरुद्ध हो गया। खाना खाने के बाद महिला को उल्टी हुई। एक महीने से इस समस्या से जूझ रही महिला का वजन भी 10 किलो कम हो गया था। उनकी अधिक आयु के कारण चीरा लगाकर ऑपरेशन करना संभव नहीं था। इसके लिए, एंडोस्कोपिक विधि का उपयोग करके महिला के पेट और आंतों के बीच अवरुद्ध मार्ग में एक धातु का स्टेंट डाला गया। इससे रास्ता खुल गया। इसके बाद महिला ने खाना खा लिया। कुछ समय तक निगरानी रखने के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा कि इससे कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता बनी रहती है।