शिक्षामंत्री ने रिजल्ट को लेकर टीचर्स को दी बड़ी चेतावनी, वीडियो में देखें 50% मार्क्स नहीं लाए तो टीचर्स पर होगा एक्शन
राजस्थान में शिक्षा विभाग ने एक नया और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत अब स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके टीचर्स को भी एग्जाम का सामना करना पड़ेगा। शिक्षा विभाग ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत स्टूडेंट्स को दिए जाने वाले सेशनल मार्क्स (आंतरिक अंक) के आधार पर उनके टीचर्स का भी रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा।
इस व्यवस्था के तहत, यदि किसी टीचर द्वारा छात्रों को 100% सेशनल मार्क्स दिए गए हैं, लेकिन उसी छात्र के रिटन टेस्ट (लिखित परीक्षा) में 50% से कम अंक आते हैं, तो शिक्षा विभाग उस शिक्षक के खिलाफ जांच प्रक्रिया (इंक्वायरी) शुरू करेगा और यदि आवश्यक हुआ, तो कार्रवाई भी की जाएगी। यह कदम शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षण की गुणवत्ता को सुधारने और सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि टीचर्स अपनी जिम्मेदारी के प्रति सच्चे और ईमानदार हों।
राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक केवल अंक देने के बजाय छात्रों की वास्तविक क्षमताओं और ज्ञान का मूल्यांकन करें। साथ ही, यह व्यवस्था यह भी सुनिश्चित करेगी कि छात्रों को सही मार्गदर्शन और उचित शिक्षा मिल रही हो।
इसके साथ ही, शिक्षा विभाग द्वारा यह भी कहा गया कि यह पहल शिक्षकों के कार्य की पारदर्शिता बढ़ाने और शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए की जा रही है। यदि किसी शिक्षक के द्वारा अनुचित अंक दिए गए हैं, तो विभाग उनके खिलाफ जांच शुरू करेगा, और यदि जांच में दोषी पाया गया तो उस शिक्षक के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी बढ़ेगी। इस बदलाव से यह उम्मीद की जा रही है कि शिक्षक अपने शिक्षण कार्य में अधिक गंभीरता से जुटेंगे, और छात्रों को बेहतर तरीके से शिक्षा देने में मदद करेंगे।