पेयजल संकट पर CM भजनलाल सख्त, बोले- जनता को हुई परेशानी तो जिम्मेदार की खैर नहीं
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार दोपहर को मुख्यमंत्री निवास पर जलदाय विभाग के अधिकारियों के साथ तापमान में अचानक हुई वृद्धि के बाद पेयजल की मांग एवं उपलब्धता की समीक्षा के लिए बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में गर्मी तेजी से बढ़ी है, ऐसे में बढ़ती मांग के अनुरूप आमजन को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी जिला कलेक्टर आकस्मिक योजना के अनुसार अपनी निगरानी में पेयजल प्रबंधन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, ग्रीष्म ऋतु के दौरान पीएचईडी के क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मुख्यालय पर उपस्थित रहना होगा तथा बिना सक्षम अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ना होगा।
नये हैण्डपम्प, ट्यूबवेल लगाने तथा पुराने की मरम्मत का कार्य शीघ्र पूरा करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गर्मी को ध्यान में रखते हुए जलापूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए नए हैंडपंप, बोरिंग लगाने तथा पुराने हैंडपंप, बोरिंग, पाइपलाइन की मरम्मत सहित सभी कार्य 15 मई से पहले हर हाल में पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि पेयजल समस्या के समाधान के लिए जिला कलेक्टरों को एक करोड़ रुपये की अनटाइड फण्ड उपलब्ध कराया गया है। अधिकांश जिलों में इन धनराशियों का उपयोग कर स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने शेष जिलों के जिला कलेक्टरों को भी शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने तथा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष के बजट में स्वीकृत सभी हैण्डपम्प एवं बोरिंग 15 मई से पूर्व क्रियाशील कर लिए जाएं तथा इस बजट में स्वीकृत 1000 नवीन बोरिंग एवं 2500 नवीन हैण्डपम्प की वित्तीय स्वीकृति भी शीघ्र जारी कर कार्य प्रारम्भ किया जाए। जलदाय विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए अप्रेल माह में 2 लाख 35 हजार से अधिक हैण्डपम्पों की मरम्मत की गई है। पिछले वर्ष के बजट में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 5 बोरिंग और 10 हैंडपंप स्वीकृत किए गए थे। इनमें से 800 से अधिक बोरिंग और 1400 हैंडपंप इस माह के अंत तक चालू हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 करोड़ रुपये की लागत से 1,0 ... ग्रीष्मकाल के दौरान सभी जिलों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। 1244 में से 1244 कार्य पूरे हो चुके हैं। रु. 1,00,000 के कार्य। ग्रामीण क्षेत्रों में 142 करोड़ रुपये के 153 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। पूरा हो चुका है। शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार ट्यूबवेल की गहराई बढ़ाने, पाइप लाइन बिछाने व बदलने, पंप सेटों की मरम्मत जैसे कार्य 15.50 करोड़ रुपये की लागत से कराए जा रहे हैं। 68 करोड़ रु. उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य अभी तक शुरू नहीं हुए हैं, उन्हें 10 दिन में शुरू कर 15 मई से पहले पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि अप्रैल से जुलाई तक ग्रीष्म ऋतु में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की मांग को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 82 करोड़ रुपये तथा शहरी क्षेत्रों में 25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
नियंत्रण कक्ष के नम्बरों का व्यापक प्रचार करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएचईडी के अधिकारी बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखें, ताकि पीक लोड के कारण बिजली ट्रिपिंग, फॉल्ट आदि की स्थिति में भी बोरिंग की बिजली आपूर्ति बाधित न हो। उन्होंने कहा कि पेयजल संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष नम्बरों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा इन नम्बरों पर प्राप्त शिकायतों का त्वरित एवं समयबद्ध समाधान किया जाए।