क्या एक मंच पर आएंगे उद्धव और राज ठाकरे? संजय राउत के बयान से महाराष्ट्र की सियासत में हलचल

महाराष्ट्र में भाषा विवाद सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। खासकर विपक्षी दल लगातार मराठी भाषा को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं, वहीं सरकार पर बच्चों पर हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए इसका बहिष्कार कर रहे हैं। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने की बात कही गई थी। विपक्षी दलों खासकर शिवसेना (यूबीटी) ने इसका कड़ा विरोध किया है। प्रवक्ता संजय राउत ने इस बारे में बड़ा बयान दिया है।
जनता के सामने आदेश जलाएंगे- संजय राउत
सांसद संजय राउत ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा, "हिंदी अनिवार्य करने का जो आदेश सरकार ने जारी किया है, उसे हम जनता के साथ मिलकर जलाएंगे।" एएनआई के मुताबिक राउत ने यह भी कहा कि इसका मुख्य विरोध कार्यक्रम मुंबई में आयोजित किया जाएगा, जिसमें खुद उद्धव ठाकरे हिस्सा लेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि मराठी अस्मिता को आगे बढ़ाने के लिए एसएनएस प्रमुख राज ठाकरे भी साथ आएंगे। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने पर बोले संजय राउत
जब इस मुद्दे पर संजय राउत से पूछा गया कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ मंच साझा करने जा रहे हैं, तो क्या अब वे राजनीतिक रूप से भी साथ आएंगे, तो उन्होंने कहा, "दोनों अलग-अलग पार्टियों में हैं, लेकिन अगर वे मराठी को आगे बढ़ाने के लिए एक ही विचार के साथ साथ आ रहे हैं, तो इसका क्या मतलब है? क्या यह राजनीतिक गठबंधन नहीं है?"
राज ठाकरे ने इसके लिए आह्वान किया था- संजय राउत
नगर निगम चुनाव को लेकर भी चर्चा गरम है। जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों ठाकरे भाई एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं, तो संजय राउत ने कहा, "राज ठाकरे जी ने इसके लिए आह्वान किया था, जिसे उद्धव ठाकरे जी ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।" इससे साफ है कि मराठी अस्मिता को केंद्र में रखकर महाराष्ट्र की राजनीति में नया समीकरण बनाया जा सकता है।