बुझ चुके दीये में तेल डालने से क्या फायदा, भास्कर जाधव के स्टेटस से ठाकरे गुट में उत्साह, बहस छिड़ी

शिवसेना ठाकरे गुट में मची उथल-पुथल ने अब नया मोड़ ले लिया है। भास्कर जाधव के हालिया बयान ने ठाकरे गुट में हलचल मचा दी है। "बुझ चुके दीये में तेल डालने से कोई फायदा नहीं!" जाधव ने इन शब्दों में एक तीखा और महत्वपूर्ण बयान दिया है। इस बयान ने सत्ताधारी पार्टी के नेतृत्व और उसके भविष्य को लेकर कई बहसें शुरू कर दी हैं।
ठाकरे गुट के प्रमुख नेताओं में से एक भास्कर जाधव ने कहा है कि "कभी भी और कहीं भी नीति बदलने की कोशिश करना एक मूर्खतापूर्ण विचार है, क्योंकि जब दीया बुझ जाता है तो उसमें तेल डालकर उसे फिर से नहीं जलाया जा सकता।"
ठाकरे गुट के कई नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने भास्कर जाधव के बयान की निंदा की है, जबकि अन्य ने उनकी बात का बचाव किया है। इस बयान ने ठाकरे गुट में नाराजगी का माहौल पैदा कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता भी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं और जाधव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।
दरअसल, इस बयान में शिवसेना के अंदरूनी घटनाक्रम की ओर इशारा किया गया है, जिसमें पार्टी में गुटबाजी और बदलते राजनीतिक हालात का जिक्र किया गया है। कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि भास्कर जाधव का बयान पार्टी के नेतृत्व में बदलाव से जुड़ा हो सकता है, जो इस समय मुंबई की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए यह साफ है कि ठाकरे गुट को अपनी अंदरूनी राजनीति को सुलझाने की जरूरत है, अन्यथा उनकी एकता और राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है।