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तहसीलदार प्रशांत थोरात सरकारी कार्यालय में गाना गाते पाए गए, निलंबन की कार्रवाई

तहसीलदार प्रशांत थोरात सरकारी कार्यालय में गाना गाते पाए गए, निलंबन की कार्रवाई

महाराष्ट्र के रेनापुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रेनापुर के तहसीलदार प्रशांत थोरात को उनके सरकारी कार्यालय में गाना गाते हुए पकड़े जाने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने प्रशासन और जनता दोनों के बीच सनसनी फैला दी है।

जानकारी के अनुसार, प्रशांत थोरात कार्यालय में अपनी ड्यूटी के दौरान गाना गा रहे थे। इस दौरान किसी ने उनका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि तहसीलदार अपने कार्यालय में गाने में मशगूल हैं, जबकि सरकारी कामकाज जारी था।

वीडियो वायरल होते ही जिले प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशांत थोरात को तत्काल निलंबित करने का आदेश जारी किया। साथ ही, कहा गया कि इस घटना की विस्तृत जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी कार्यालय में अनुशासन और ड्यूटी की गंभीरता बनाए रखना हर सरकारी अधिकारी का कर्तव्य है। किसी भी अधिकारी का ड्यूटी समय पर काम की बजाय मनोरंजन में व्यस्त होना सार्वजनिक विश्वास को प्रभावित करता है

स्थानीय लोगों और कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सरकारी संस्थानों की छवि को धूमिल करती हैं। साथ ही, यह जनता में सवाल उठाता है कि क्या अधिकारी अपने कर्तव्यों का सही पालन कर रहे हैं या नहीं।

जिलाधिकारी ने इस मामले पर कहा कि निलंबन सिर्फ अनुशासनात्मक कार्रवाई का हिस्सा है। जांच पूरी होने के बाद आगे अन्य प्रशासनिक कदम भी उठाए जा सकते हैं। अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी कार्यालयों में ड्यूटी के दौरान व्यक्तिगत मनोरंजन बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद जनता में यह बहस भी शुरू हो गई है कि सरकारी अधिकारियों के व्यवहार और कार्यशैली में सुधार कैसे लाया जा सकता है। कई लोग चाहते हैं कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर रहें और लोकल प्रशासन में अनुशासन और निष्ठा का उदाहरण पेश करें।

इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि तकनीक और सोशल मीडिया की पहुँच के कारण किसी भी अधिकारी की हरकत तुरंत सामने आ सकती है। इसलिए, सरकारी कर्मचारियों को अपने व्यवहार और कार्यशैली में सतर्कता बरतनी होगी।

इस प्रकार, रेनापुर के तहसीलदार प्रशांत थोरात का यह मामला महाराष्ट्र के प्रशासनिक अनुशासन और जिम्मेदारी पर एक गंभीर चेतावनी बन गया है। जांच पूरी होने के बाद प्रशासन की ओर से आगे की कानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई का मार्ग तय किया जाएगा।

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