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कटनी में अंधविश्वास बना जानलेवा, सांप काटने के बाद तांत्रिक के पास ले गए, हालत बिगड़ी तो पहुंचे अस्पताल

कटनी में अंधविश्वास बना जानलेवा, सांप काटने के बाद तांत्रिक के पास ले गए, हालत बिगड़ी तो पहुंचे अस्पताल

जिले के एनकेजे थाना क्षेत्र स्थित जुगिया कांप गांव से एक बार फिर अंधविश्वास से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति को सांप ने काट लिया, लेकिन उसे तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय ग्रामीण तांत्रिकों के पास ले गए। समय पर चिकित्सकीय इलाज न मिलने से उसकी हालत बिगड़ गई, हालांकि बाद में अस्पताल में भर्ती कराए जाने पर उसकी जान बच गई।

पूरा मामला 43 वर्षीय अजगर खान से जुड़ा है, जो खेत में काम कर रहे थे। तभी अचानक एक जहरीले सांप ने उन्हें डस लिया। अजगर खान ने तुरंत यह बात गांव के लोगों को बताई, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह विज्ञान और जागरूकता की रोशनी में दुर्भाग्यपूर्ण था। गांव के कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल ले जाने की जगह पास के ही एक तांत्रिक के पास पहुंचा दिया। वहां मंत्र-तंत्र, धुआं और झाड़-फूंक जैसी क्रियाएं होती रहीं, लेकिन अजगर की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई।

कई घंटे बीत जाने के बाद जब स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई, तब परिजनों ने आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की हालत नाजुक थी, लेकिन समय रहते इलाज मिलने से उसकी जान बच गई। अगर थोड़ी और देर हो जाती तो मामला गंभीर हो सकता था।

डॉक्टरों ने इस पूरे घटनाक्रम पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि सांप काटने के मामलों में वक्त सबसे अहम होता है। जितनी जल्दी पीड़ित को एंटी वेनम और प्राथमिक उपचार मिलता है, उतनी ही ज्यादा जान बचने की संभावना होती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अंधविश्वास और झाड़-फूंक जैसी प्रथाएं हावी हैं, जो लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रही हैं।

इस मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी विषैले जीव-जंतु के काटने की स्थिति में त्वरित रूप से चिकित्सकीय सहायता लें और अंधविश्वास में फंसकर समय बर्बाद न करें।

वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता भी इस घटना को लेकर काफी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि जागरूकता अभियान की जरूरत है ताकि गांवों में अब भी मौजूद इस तरह के अंधविश्वास को खत्म किया जा सके।

कटनी जिले में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन सरकारी प्रयासों और शिक्षा के बावजूद लोगों में अंधविश्वास की जड़ें अब भी गहरी हैं। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि आधुनिक चिकित्सा और जागरूकता को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना आज भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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