संजय निरुपम ने लगाया मुंबई में 'हाउसिंग जिहाद' का आरोप, बोलें -अवैध रूप से बेचे गए 220 फ्लैट, जानें क्या है पूरा मामला?

मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में हो रहे पुनर्विकास कार्य को लेकर बड़ा आरोप सामने आया है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि चांदीवाला एंटरप्राइजेज नाम की रियल एस्टेट कंपनी ने दो पुनर्विकास परियोजनाओं में ₹660 करोड़ का घोटाला किया है।
क्या हैं आरोप?
बालासाहेब भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में निरुपम ने कहा कि चांदीवाला एंटरप्राइजेज ने परियोजनाओं के तहत 220 फ्लैट अवैध रूप से बनवाए और उन्हें विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के खरीदारों को बेचा गया। उन्होंने इसे ‘हाउसिंग जिहाद’ करार देते हुए आरोप लगाया कि इसके ज़रिए मुंबई के सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है। उनके अनुसार, डेवलपर ने फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी से अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) हासिल कर लिया, जिससे यह बड़ी आर्थिक और सामाजिक धांधली का मामला बन गया है।
चल रही है जांच
संजय निरुपम ने बताया कि इस मामले की शिकायत पहले ही राज्य के उपमुख्यमंत्री और आवास मंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी जा चुकी है। अब जांच समिति इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है, और जल्द ही फाइनल रिपोर्ट भी सामने आने वाली है। निरुपम ने दावा किया कि जांच के दौरान कुछ ऐसे पैटर्न सामने आए हैं, जो सोच-समझकर की गई रणनीति की ओर इशारा करते हैं — जिसमें मराठी समुदाय के लोगों से घर खरीदकर उन्हें मुस्लिम खरीदारों को बेचा जा रहा है।
सिर्फ एक बिल्डर नहीं…
संजय निरुपम ने चांदीवाला एंटरप्राइजेज को एक उदाहरण बताते हुए कहा कि मुंबई में ऐसे करीब 20-25 बिल्डर और भी सक्रिय हैं, जो पुनर्विकास परियोजनाओं के तहत मराठी मूल के निवासियों से संपत्तियां खरीदते हैं और फिर उन्हें एक ही समुदाय विशेष को बेच देते हैं। उन्होंने इन सभी परियोजनाओं की जांच की मांग की है और कहा कि यदि इस तरह की गतिविधियों को रोका नहीं गया तो मुंबई की सामाजिक संरचना खतरे में पड़ सकती है।
क्या है ‘हाउसिंग जिहाद’ का मतलब?
राजनीतिक विमर्श में ‘हाउसिंग जिहाद’ जैसे शब्द का इस्तेमाल बेहद संवेदनशील है। इस शब्द का प्रयोग उन योजनाओं के संदर्भ में किया जा रहा है, जहां कथित तौर पर धार्मिक समूह विशेष को लक्षित करते हुए संपत्तियों का केंद्रीकरण किया जा रहा है। हालांकि, इस शब्द को लेकर सामाजिक और कानूनी विशेषज्ञों के बीच मतभेद बना हुआ है। संजय निरुपम ने स्पष्ट किया कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मुद्दा वे राज्य विधानसभा में भी उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई की विविधता और सौहार्द को बनाए रखने के लिए नियोजित और पारदर्शी पुनर्विकास नीतियों की जरूरत है।