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राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एक बार फिर हिंसा का रास्ता चुना, नांदेड़ में सुलभ शौचालय चालक पर हमला

राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने एक बार फिर हिंसा का रास्ता चुना, नांदेड़ में सुलभ शौचालय चालक पर हमला

मराठी भाषा की अस्मिता का मुद्दा उठाने वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने एक बार फिर हिंसा का सहारा लिया है। इस बार MNS कार्यकर्ताओं ने नांदेड़ में एक सुलभ शौचालय के चालक पर हमला किया। कथित तौर पर, मनसे कार्यकर्ताओं ने शौचालय चालक को थप्पड़ मारे और घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक हलकों में आक्रोश का माहौल है।

घटना का विवरण

सूत्रों के अनुसार, नांदेड़ में कुछ MNS कार्यकर्ता शौचालय संचालक के पास गए थे और उसे मराठी भाषा का इस्तेमाल न करने को लेकर चेतावनी दी थी। जब शौचालय चालक ने किसी तरह का जवाब दिया, तो MNS कार्यकर्ताओं ने उसे सरेआम थप्पड़ मारे। घटना के बाद, वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जिससे इस घटना ने तूल पकड़ लिया।

समाज में गुस्से की लहर

इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों और राजनीतिक विश्लेषकों ने MNS के कार्यकर्ताओं की हिंसक गतिविधियों की निंदा की है। लोगों का कहना है कि MNS द्वारा हिंसा का सहारा लेकर अपनी बात रखने का तरीका समाज में असंतोष और विभाजन को बढ़ावा दे सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर भी लोगों ने नाराजगी जताई और कहा कि इस प्रकार की घटनाएं राजनीतिक वैचारिकता की बजाय हिंसा को प्रोत्साहित करती हैं।

MNS का रुख

इस घटना के बाद MNS ने अपने कार्यकर्ताओं के आचरण को लेकर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के नेता राज ठाकरे का यह बयान अक्सर रहा है कि मराठी अस्मिता और मराठी भाषी लोगों के अधिकारों की रक्षा करना पार्टी का मुख्य उद्देश्य है। हालांकि, यह घटनाएं पार्टी के हिंसा के रुझान और कानूनी तरीके से विरोध करने की दिशा में सवाल उठाती हैं।

प्रशासन की कार्रवाई

घटना के बाद, स्थानीय पुलिस ने MNS कार्यकर्ताओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और उन कार्यकर्ताओं की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है, जो इस हिंसक घटना में शामिल थे। पुलिस प्रशासन ने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं को इस प्रकार की हिंसा की अनुमति नहीं दी जाएगी और कानून के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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