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ब्राह्मण होने पर है गर्व'- कैसे 'तीखी' राजनीतिक टिप्पणियां देकर सुर्खियों में बनी रहती हैं अमृता फडणवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नासिक में चितपावन ब्राह्मण समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि समाज में जाति हमेशा रहेगी, लेकिन जाति आधारित भेदभाव नहीं होना....
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नासिक में चितपावन ब्राह्मण समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि समाज में जाति हमेशा रहेगी, लेकिन जाति आधारित भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने जातिगत भेदभाव को खत्म करने को समय की जरूरत बताया और इसे लेकर समाज के सभी वर्गों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया।

"जाति नहीं जाती, लेकिन भेदभाव खत्म होना चाहिए"

मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कहना कि जाति व्यवस्था खत्म होनी चाहिए, वास्तविकता से दूर है। उन्होंने कहा, "जाति कभी खत्म नहीं होती। यह कहना ज्यादा उचित है कि जाति आधारित भेदभाव नहीं होना चाहिए।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि समाज में जब तक यह भेदभाव मौजूद रहेगा, तब तक सामाजिक समरसता संभव नहीं हो सकती। उन्होंने सभी समुदायों से अपील की कि वे भेदभाव मिटाने की दिशा में सक्रिय प्रयास करें

ब्राह्मणों ने समाज सुधार में दिया योगदान: फडणवीस

कार्यक्रम में चितपावन ब्राह्मण समुदाय की सराहना करते हुए फडणवीस ने कहा कि इस समुदाय ने कभी केवल अपने हित के बारे में नहीं सोचा। "समाज सुधार और विकास के क्षेत्र में ब्राह्मणों ने जो योगदान दिया है, वह पूरे समाज के लिए लाभकारी रहा है।" उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समुदाय ने अन्य वर्गों के कल्याण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह उनकी सामाजिक सोच का प्रमाण है।

“व्यक्तिगत पहचान चाहे जो हो, हम सभी हिंदू हैं”

सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि जाति से ऊपर उठकर हमें सामूहिक हिंदू पहचान को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा, “हमारी व्यक्तिगत पहचान चाहे जो भी हो, हम सभी हिंदू हैं। हमें सनातन धर्म की एकता को मजबूत करना है।” उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को याद दिलाया कि समाज को जोड़ने के लिए यह सोच आवश्यक है, और इसी भावना को नई पीढ़ी तक पहुंचाना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी के संदेश का जिक्र

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नारे “एक हैं तो सुरक्षित हैं” का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि यह नारा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और सामाजिक एकता की भावना को दर्शाता है। “इसका मतलब है कि हम सभी सनातन धर्म के अनुयायी हैं और हमारी शक्ति हमारी एकता में है। हमें इस भावना को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहिए।”

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत में जाति आधारित राजनीति और सामाजिक भेदभाव पर बहस तेज हो रही है। उनका यह दृष्टिकोण कि जाति को मिटाना नहीं, बल्कि भेदभाव को खत्म करना जरूरी है, सामाजिक संतुलन की दिशा में एक अहम विचार के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने न केवल ब्राह्मण समुदाय के योगदान की सराहना की, बल्कि पूरे समाज को एकता, सनातन संस्कृति और भेदभाव मुक्त समाज की दिशा में कार्य करने का संदेश भी दिया।

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