लगातार भारी बारिश से देश के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित, मौसम विभाग ने फिर जताई चेतावनी
देश के कई राज्यों में इन दिनों भारी बारिश का दौर जारी है। आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और कई इलाकों में जलजमाव जैसी स्थिति बन गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटों में कोंकण, तटीय और आंतरिक कर्नाटक, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्र, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार और असम में 70 से 200 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने शनिवार को भी कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
बारिश के कारण कई राज्यों में जनजीवन प्रभावित हो गया है। खासकर कोंकण और कर्नाटक के तटीय इलाकों में तेज बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं और कई सड़कों पर यातायात बाधित हो गया है। पश्चिम बंगाल और असम में भी लगातार बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया है। कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी बारिश की तीव्रता बनी हुई है। इन इलाकों में खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। वहीं, बिहार के उत्तरी हिस्सों में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को जारी अपने बुलेटिन में कहा है कि अगले 48 घंटों के दौरान उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने संबंधित राज्य सरकारों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क रहने और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।
विभिन्न राज्यों में राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। विशेष रूप से बिहार, ओडिशा और असम में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर NDRF और स्थानीय प्रशासन ने नावें, रेस्क्यू टीमें और मेडिकल सहायता की तैनाती शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि मानसून की सक्रियता से यह बारिश हो रही है, जो अभी अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की चेतावनियों को गंभीरता से लें और अनावश्यक रूप से जलभराव वाले क्षेत्रों या तेज बहाव वाली नदियों के आसपास जाने से बचें।
देश के कई हिस्सों में इस बारिश को राहत के रूप में भी देखा जा रहा है क्योंकि यह खरीफ फसलों के लिए लाभकारी मानी जा रही है, लेकिन साथ ही लगातार हो रही तेज बारिश से नुकसान की आशंका भी बनी हुई है।
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