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अजित से हाथ मिलाएंगे या नहीं, बेटी सुप्रिया सुले को जिक्र करके शरद पवार ने कर दिया बड़ा इशारा

महाराष्ट्र में अपने भतीजे अजित पवार के साथ आने की अटकलों के बीच शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। अजित पवार का नाम लिए बिना शरद पवार ने कहा, "अवसरवादी राजनेताओं को भाजपा से हाथ मिलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता...
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महाराष्ट्र में अपने भतीजे अजित पवार के साथ आने की अटकलों के बीच शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। अजित पवार का नाम लिए बिना शरद पवार ने कहा, "अवसरवादी राजनेताओं को भाजपा से हाथ मिलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता।" शरद पवार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एनसीपी के दोनों धड़ों के फिर से एक होने के आसार नजर आ रहे थे। दरअसल, शरद पवार ने मंगलवार (17 जून) को पिंपरी चिंचवाड़ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि वह उन लोगों को साथ लेकर चलने को तैयार हैं जो महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा ज्योतिराव फुले और डॉ. बीआर अंबेडकर की विचारधारा का पालन करते हैं। 'बीजेपी के साथ जाना एनसीपी की विचारधारा के खिलाफ'- शरद पवार

शरद पवार ने कहा, 'अभी किसी ने कहा कि सबको साथ लेकर चलना चाहिए। कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन 'सबको' कौन है? जो लोग गांधी-नेहरू, फुले और अंबेडकर की विचारधारा में विश्वास करते हैं, मैं उन्हें साथ लेकर चल सकता हूं। हालांकि, अगर कोई सत्ता के लिए बीजेपी के साथ जा रहा है, तो यह कांग्रेस की विचारधारा नहीं है। कोई किसी के साथ भी जा सकता है, लेकिन बीजेपी के साथ जाना एनसीपी की विचारधारा के अनुरूप नहीं हो सकता।'

'पार्टी छोड़कर गए नेताओं की चिंता न करें'

एनसीपी सपा प्रमुख ने आगे कहा कि इस तरह की अवसरवादी राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता और हमें इसी के अनुसार आगे का रास्ता तय करना चाहिए। शरद पवार ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे पार्टी छोड़कर गए नेताओं की चिंता न करें और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी करें।

गौरतलब है कि हाल ही में चाचा-भतीजे के बीच अलग-अलग मौकों पर लगातार मुलाकातों के कारण अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के एनसीपी (सपा) में संभावित विलय की अटकलें तेज हो गई थीं। हालाँकि, शरद पवार के बयानों से अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

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