
देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के निर्माण कार्य में तेजी आई है। महाराष्ट्र के विरार बुलेट ट्रेन स्टेशन पर स्लैब कास्टिंग का कार्य अब शुरू हो चुका है, जो इस परियोजना के महत्वपूर्ण मील के पत्थर में से एक है। यहां पर ट्रैक बिछाने के लिए 9 स्लैब में से पहला स्लैब भी सफलतापूर्वक लगा दिया गया है।
विरार बुलेट ट्रेन स्टेशन का महत्व:
विरार, जो महाराष्ट्र में स्थित है, इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे 4 महत्वपूर्ण स्टेशनों में से एक है। यह स्टेशन न केवल मुंबई क्षेत्र को अहमदाबाद से जोड़ने का काम करेगा, बल्कि यह पश्चिमी भारत के लाखों यात्रियों के लिए एक प्रमुख परिवहन हब के रूप में उभरेगा। यहां के निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय प्रशासन और परियोजना से जुड़ी कंपनियों के बीच समन्वय में तेजी आई है।
स्लैब कास्टिंग का कार्य:
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत, ट्रैक बिछाने के लिए स्लैब कास्टिंग का काम महत्वपूर्ण होता है। यह स्लैब ट्रैक के समर्थन के लिए आधार प्रदान करते हैं। विरार स्टेशन में 9 स्लैब बिछाने का कार्य जारी है, और पहले स्लैब का सफलतापूर्वक लगाने के बाद, परियोजना की प्रगति में और तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। यह कार्य भविष्य में और स्टेशन निर्माण के लिए मार्गदर्शक साबित होगा।
प्रोजेक्ट की गति और समयसीमा:
मुंबई से अहमदाबाद तक की बुलेट ट्रेन परियोजना का कुल लंबाई लगभग 508 किलोमीटर है, और इसके पूरा होने पर यात्रियों के लिए यात्रा का समय महत्वपूर्ण रूप से घट जाएगा। वर्तमान में, बुलेट ट्रेन का सफर मुंबई से अहमदाबाद तक करीब 7 घंटे में तय होता है, लेकिन बुलेट ट्रेन के शुरू होने से यह समय घटकर केवल 2 घंटे 7 मिनट रह जाएगा। इस परियोजना के लिए सरकार ने 2026 तक इसका पूरा करने का लक्ष्य रखा है।