महाराष्ट्र में माणिकराव कोकाटे की मंत्री पद से छुट्टी, धोखाधड़ी मामले में दोषी, अब गिरफ्तारी की तैयारी
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंत्री माणिकराव कोकाटे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. उन्होंने इस्तीफा पत्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंप दिया. इस तरह से धोखाधड़ी के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कोकाटे की मंत्री पद आधिकारिक रूप से छुट्टी हो गई. पुलिस ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. अब किसी भी क्षण उनकी गिरफ्तारी हो सकती है.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी फ्लैट का लाभ उठाने के मामले में माणिकराव कोकाटे को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. निचली अदालत द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा को सत्र न्यायालय ने बरकरार रखा. इसके बाद कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.
अजित पवार ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और मेरी पार्टी के साथी मानिकराव कोकाटे ने कोर्ट के फैसले के बाद मुझे अपना इस्तीफा दे दिया है. हमारी पार्टी की लंबे समय से चली आ रही सोच के अनुसार कि कानून का राज सबसे ऊपर है और सभी लोगों से ऊपर है, इस्तीफा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि मैंने कोकाटे का इस्तीफा संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार, उचित विचार और स्वीकृति के लिए सीएम को भेज दिया है. हमारी पार्टी का हमेशा से मानना रहा है कि सार्वजनिक जीवन संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत ईमानदारी और न्यायपालिका के सम्मान से चलना चाहिए. हम कानून के राज के साथ मजबूती से खड़े हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के भरोसे को बनाए रखने वाले तरीके से काम करते रहेंगे.
कोकाटे पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
उसके बाद कोकाटे से मंत्रालय का पोर्टफोलियो वापस ले लिया गया था और खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी अजित पवार को सौंप दी गई थी. इस प्रकार कोकाटे बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बन गए थे. हालांकि, अब उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.
माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे के बाद, किसी भी क्षण उनकी गिरफ्तारी की संभावना बनी हुई है. कोकाटे फिलहाल लीलावती अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. हालांकि, नासिक पुलिस की एक टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए मुंबई रवाना हो चुकी है. इसलिए, आज उनकी गिरफ्तारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
जानें माणिकराव कोकाटे पर क्या लगे हैं आरोप
1995 में नासिक के पॉश कनाडा कॉर्नर इलाके में प्राइम अपार्टमेंट नामक इमारत का निर्माण शुरू हुआ था. कोकाटे पर इस इमारत में फ्लैट हासिल करने के लिए अवैध तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप है.
तत्कालीन नियमों के अनुसार, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 10 प्रतिशत फ्लैट सरकार के लिए आरक्षित हैं. ये फ्लैट जरूरतमंद या विशेष श्रेणी के लोगों को रियायती दर पर दिए जाते हैं. माणिकराव कोकाटे पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस कोटे से चार फ्लैट अपने नाम पर हथियाने का आरोप है.
पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाई थी. इसके बाद, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रूपाली नरवाडिया ने कोकाटे को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई. कोकाटे ने नासिक सत्र न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी. हालांकि, 16 दिसंबर 2025 को न्यायाधीश पीएम बदर ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जिससे कोकाटे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

