हनीट्रैप केस में महाराष्ट्र BJP के नेता प्रफुल्ल लोढ़ा गिरफ्तार, जलगांव में तलाशी, कई बड़े नाम आएंगे सामने!
महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों एक बड़े भूचाल से गुजर रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता प्रफुल्ल लोढ़ा को हनीट्रैप और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं दिख रहा, बल्कि इसके तार नासिक, जलगांव और अन्य इलाकों से जुड़े हुए माने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे नेटवर्क में कई प्रभावशाली अधिकारी और नेता भी फंसे हो सकते हैं।
कैसे सामने आया मामला?
इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब कांग्रेस नेता नाना पटोले ने महाराष्ट्र विधानसभा में एक पेन ड्राइव दिखाते हुए दावा किया कि नासिक में हुए एक हनीट्रैप कांड में 72 वरिष्ठ अफसर और कुछ राजनेता शामिल हैं। इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियों की सक्रियता बढ़ी और धीरे-धीरे मामला प्रफुल्ल लोढ़ा की गिरफ्तारी तक पहुंच गया।
गिरफ्तारी और छापेमारी
प्रफुल्ल लोढ़ा को मुंबई के साकीनाका पुलिस स्टेशन में पॉक्सो एक्ट के तहत 5 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी उनके मुंबई स्थित निवास ‘लोढ़ा हाउस’ से हुई। उनके खिलाफ एक अन्य मामला MIDC पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है जिसमें बलात्कार और ब्लैकमेलिंग के आरोप हैं।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जलगांव, जामनेर और पहूर स्थित लोढ़ा की संपत्तियों पर छापेमारी की। तलाशी के दौरान लैपटॉप, पेन ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जिससे केस में और भी सनसनीखेज खुलासे होने की उम्मीद है।
पीड़िताओं के आरोप
पुलिस के अनुसार, 62 वर्षीय प्रफुल्ल लोढ़ा ने नौकरी का लालच देकर 16 वर्षीय एक नाबालिग लड़की और उसकी दोस्त के साथ यौन शोषण किया। आरोप है कि उन्होंने लड़कियों को अपने घर ‘लोढ़ा हाउस’ में बंधक बनाकर रखा और उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींचीं, जिनके जरिए उन्हें धमकाया गया।
कौन हैं प्रफुल्ल लोढ़ा?
प्रफुल्ल लोढ़ा पहले जलगांव के एक वरिष्ठ नेता के नजदीकी माने जाते थे, लेकिन बाद में उनके आलोचक बन गए। उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में वंचित बहुजन आघाडी (VBA) से टिकट मिला था, लेकिन टिकट महज पांच दिन में रद्द कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। लोढ़ा, जो पहले गिरीश महाजन के आलोचक थे, हाल ही में उनके समर्थक बन गए थे।
क्या ये सिर्फ शुरुआत है?
लोढ़ा की गिरफ्तारी ने पूरे महाराष्ट्र की राजनीति को हिलाकर रख दिया है। आशंका है कि नासिक हनीट्रैप कांड में फंसे 72 अफसरों में जलगांव के एक पूर्व नेता और दो वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। पुलिस जांच के दायरे को लगातार बढ़ा रही है और आने वाले दिनों में कई और नाम सामने आ सकते हैं।
यह मामला न केवल सत्ता के गलियारों में गूंज रहा है, बल्कि यह भी सवाल खड़े कर रहा है कि क्या राजनीतिक और प्रशासनिक ताकत का दुरुपयोग इसी तरह चलता रहेगा, या अब किसी बड़े सफाई अभियान की शुरुआत होगी? भविष्य में इस प्रकरण से जुड़े खुलासे महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा बदल सकते हैं।

