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माफी नहीं मांगूंगा… मारपीट करने वाले विधायक ने ऐसे किया अपना बचाव, CM फडणवीस से लेकर शिंदे तक ने नहीं दिया साथ

महाराष्ट्र के बुलढाणा से शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा खराब खाना परोसने पर कैंटीन कर्मचारियों की पिटाई के मामले में बवाल जारी है। विपक्षी दलों ने संजय गायकवाड़ पर हमला बोला है, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस घटना की...
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महाराष्ट्र के बुलढाणा से शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा खराब खाना परोसने पर कैंटीन कर्मचारियों की पिटाई के मामले में बवाल जारी है। विपक्षी दलों ने संजय गायकवाड़ पर हमला बोला है, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे खारिज कर दिया है। अब शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने इस मामले पर अपनी बात रखी है और उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वह माफी नहीं मांगेंगे।

संजय गायकवाड़ ने क्या कहा?

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने खराब खाना देने का आरोप लगाकर कैंटीन कर्मचारियों को थप्पड़ मारने की घटना पर कहा, "मैं माफी नहीं मांगूंगा। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने जो भी कहा, वह उनका कर्तव्य है। मैं उनके शब्दों का सम्मान करता हूं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि होटल की जांच होनी चाहिए। मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैंने ही जहर खाया था। दूसरे इसे समझ नहीं सकते, इसलिए मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।"

मुख्यमंत्री फडणवीस ने क्या कहा?

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन कर्मचारियों पर हमले की घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में बयान दिया। मारपीट की घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और किसी के लिए भी सम्मानजनक नहीं है। सीएम फडणवीस ने कहा कि एक विधायक के रूप में गायकवाड़ के कृत्य ने सभी विधायकों की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। सीएम फडणवीस ने विधान परिषद के सभापति और स्पीकर से मामले का संज्ञान लेने और विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लेने की अपील की।

पूरा मामला यहाँ जानें

दरअसल, मारपीट की यह घटना आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल में हुई। शिवसेना शिंदे गुट के नेता और बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल में कैंटीन के कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी। विधायक संजय गायकवाड़ ने खाना ऑर्डर किया था। कथित तौर पर, उन्हें जो खाना दिया गया वह बहुत खराब था। पीटीआई के अनुसार, घटना के बाद विधायक ने कहा है कि उन्हें परोसा गया खाना घटिया था।

कैंटीन पर क्या कार्रवाई की गई?

इस पूरे मामले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भी कार्रवाई की है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आकाशवाणी विधायक कैंटीन चलाने वाली कंपनी अजंता कैटरर्स का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। इससे पहले, अधिकारियों ने कैंटीन से खाने के नमूने लिए थे। एक अधिकारी ने बताया, "पनीर, शेज़वान चटनी, तेल और तूर दाल के नमूने लिए गए हैं। इन्हें लैब भेजा जाएगा और 14 दिनों में रिपोर्ट आएगी।"

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