'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' एसीपी दया नायक 30 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त, 80 से ज्यादा गैंगस्टरों का किया था खात्मा
महाराष्ट्र पुलिस के सबसे चर्चित और बहादुर अधिकारियों में से एक, ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के नाम से मशहूर एसीपी दया नायक ने गुरुवार को पुलिस सेवा से सेवानिवृत्ति ले ली। 30 वर्षों तक अपराध की दुनिया से दो-दो हाथ करने वाले दया नायक ने अपने करियर में 80 से अधिक कुख्यात गैंगस्टरों को ढेर कर पुलिस बल में एक अलग पहचान बनाई।
1995 बैच के सब-इंस्पेक्टर के रूप में सेवा में आए दया नायक का नाम मुंबई पुलिस की अपराध शाखा में रहते हुए कई बड़े ऑपरेशनों से जुड़ा रहा। वे क्राइम ब्रांच की बांद्रा यूनिट में वरिष्ठ निरीक्षक (सीनियर इंस्पेक्टर) के पद पर तैनात थे। सेवानिवृत्ति से मात्र दो दिन पहले ही उन्हें सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) के पद पर पदोन्नति दी गई थी, जो उनकी लंबी और साहसिक सेवा का सम्मान भी माना जा रहा है।
दया नायक ने खासतौर पर मुंबई अंडरवर्ल्ड के खिलाफ लड़ाई में अपनी बहादुरी और तेज तर्रार कार्रवाई से एक अलग मुकाम हासिल किया। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन के गुर्गों के खिलाफ किए गए कई एनकाउंटर उन्हें खासा सुर्खियों में ले आए। उनके नेतृत्व में चलाए गए ऑपरेशनों ने मुंबई में संगठित अपराध के नेटवर्क को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म बनाने की भी चर्चा होती रही है। आम जनता में वे एक ऐसे पुलिस अफसर के रूप में जाने जाते हैं जो निडर होकर अपराधियों का सामना करता था।
हालांकि उनका करियर पूरी तरह विवादों से मुक्त नहीं रहा। समय-समय पर उनके खिलाफ जांचें भी हुईं, लेकिन वे हर बार निर्दोष साबित हुए और सेवा में डटे रहे। उन्होंने अपने करियर में सादगी, अनुशासन और प्रतिबद्धता को हमेशा प्राथमिकता दी।
पुलिस महकमे और उनके सहयोगियों ने उनकी सेवानिवृत्ति पर भावुक विदाई दी। वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें ‘पुलिस बल का गौरव’ बताया। एक अधिकारी ने कहा, "दया नायक जैसे अफसर पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने साबित किया कि ईमानदारी और बहादुरी से ही अपराध का सफाया संभव है।"
सेवानिवृत्त होने के बाद दया नायक ने भी मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में कहा, “मुझे गर्व है कि मैंने देश और समाज की सेवा की। पुलिस की वर्दी मेरे लिए सिर्फ एक काम नहीं, बल्कि मिशन थी।”
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दया नायक सेवानिवृत्ति के बाद किसी सामाजिक या सुरक्षा से जुड़े नए क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएंगे। लेकिन इतना तय है कि 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' दया नायक का नाम मुंबई पुलिस के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा।

