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चुनावी धांधली, EVM हैकिंग और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

विपक्ष का आरोप: चुनावी धांधली, EVM हैकिंग और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

विपक्ष की ओर से हमेशा यह आरोप लगाया जाता रहा है कि चुनावों में धांधली, EVM हैकिंग और चुनाव आयोग भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में काम कर रहा है। खासतौर पर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में और बिहार में होने वाले आगामी चुनावों से पहले, वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। विपक्ष ने इन मुद्दों को लेकर गहरी चिंता जताई है और चुनाव प्रक्रिया को लेकर अपनी शंकाएं जाहिर की हैं।

विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग और सरकार के बीच जो गठजोड़ दिख रहा है, उससे निष्पक्ष चुनाव पर सवाल उठते हैं। उनका आरोप है कि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को हैक किया जा सकता है और इसके जरिए चुनाव परिणामों में हेरफेर किया जा सकता है। कई बार विपक्षी नेता यह दावा कर चुके हैं कि ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है और चुनाव आयोग इसपर उचित कदम उठाने में विफल रहा है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान भी विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे, और अब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के मुद्दे पर विरोध बढ़ गया है। विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी के पक्ष में वोटरों की संख्या बढ़ाई जा रही है और वास्तविक वोटरों की सूची में हेरफेर किया जा रहा है, जिससे चुनाव निष्पक्ष नहीं हो पाएंगे।

इसके अलावा, विपक्षी नेताओं का कहना है कि जब तक चुनाव आयोग पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं होगा और इसके कार्यों में सरकारी दबाव नहीं होगा, तब तक चुनावी प्रक्रियाओं पर सवाल उठते रहेंगे। कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि बीजेपी के पक्ष में काम करने की अटकलें तेज हो गई हैं।

इस बीच, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है और हर प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ईवीएम की सुरक्षा को लेकर पूरा ध्यान दिया गया है और इसके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ की संभावना बिल्कुल नहीं है। चुनाव आयोग का कहना है कि वोटर लिस्ट को लेकर भी सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से बचने के लिए सभी प्रक्रिया और तकनीकी जांच पूरी की जा रही है।

विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनना स्वाभाविक है, लेकिन लोकतंत्र में पारदर्शिता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में, चुनाव आयोग को अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता को साबित करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि जनता का विश्वास बरकरार रहे।

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