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हिंसा के तीन दिन बाद कर्फ्यू हटाया गया, शहर के कुछ हिस्सों में ढील दी गई

अधिकारियों ने बताया कि शहर में हिंसा भड़कने के तीन दिन बाद गुरुवार को नागपुर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू हटा लिया गया है। छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की मजार को हटाने के लिए विहिप और बजरंग दल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र शिलालेखों वाली चादर जलाए जाने की अफवाह के बीच सोमवार रात को मध्य नागपुर के इलाकों में हिंसक भीड़ ने उत्पात मचाया।

इसके बाद, कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया। लोगों की सुविधा और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने गुरुवार दोपहर 2 बजे से नंदनवन और कपिल नगर थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया।

इसके अलावा, सिंघल ने लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा और इमामबाड़ा इलाकों में दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का आदेश दिया, ताकि लोग रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने के लिए बाहर निकल सकें।

पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए 18 विशेष टीमें बनाई
इससे पहले दिन में अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हुई हिंसा में शामिल लोगों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए 18 विशेष टीमें बनाई हैं। सोमवार को यहां हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 69 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गुरुवार को तीसरे दिन भी शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा रहा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने अब तक 200 आरोपियों की पहचान कर ली है और दंगों के सीसीटीवी फुटेज में कैद 1,000 अन्य संदिग्धों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। सोमवार को गणेशपेठ और कोतवाली पुलिस थानों में पांच प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गईं, जिनमें 200 आरोपियों के नाम हैं।

अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंघल ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि गठित विशेष टीमों में गणेशपेठ, कोतवाली और तहसील पुलिस थानों के साथ-साथ अपराध शाखा के जवान भी शामिल हैं।

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