महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा विवाद गरमाया, गैर-मराठी महिला को जबरन मराठी बोलने के लिए किया मजबूर
महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार एक गैर-मराठी भाषी महिला को जबरदस्ती मराठी बोलने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक महिला को घेरकर उस पर मराठी में बोलने का दबाव बना रहे हैं। वीडियो में कुछ लोग महिला पर चिल्लाते और उसे अपमानित करते नजर आ रहे हैं।
घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई लोगों ने इस व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और किसी को जबरन किसी भाषा को बोलने के लिए मजबूर करना संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू
घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि महाराष्ट्र की आत्मा में विविधता और सहिष्णुता है। वहीं, कुछ मराठी संगठनों ने इसे "मराठी अस्मिता" से जोड़ते हुए इसे उचित ठहराने की कोशिश की है।
पुलिस जांच में जुटी
मामले में पुलिस ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह घटना कहां की है और इसमें शामिल लोगों की पहचान क्या है।
भाषाई सहिष्णुता पर बहस फिर शुरू
यह घटना एक बार फिर भाषा और पहचान के मुद्दे को लेकर बहस छेड़ती नजर आ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकती हैं और विविधता को कमजोर कर सकती हैं।

