कुब्बा गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी से गई बच्चे की जान, सड़क नहीं होने से नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस
जिले के प्रतापपुर प्रखंड अंतर्गत कुब्बा गांव में गुरुवार को बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी ने एक मासूम की जान ले ली। गांव में सड़क नहीं होने की वजह से समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई, जिससे 10 वर्षीय अजय कुमार की जान नहीं बचाई जा सकी। तालाब में डूबने से उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, अजय कुमार गुरुवार की दोपहर गांव के पास बने तालाब में खेलने गया था। इस दौरान उसका पैर फिसल गया और वह पानी में डूब गया। आसपास के ग्रामीणों ने जब तक उसे बाहर निकाला, तब तक उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी। ग्रामीणों ने तुरंत एंबुलेंस को फोन कर जानकारी दी, लेकिन गांव तक पक्की सड़क न होने के कारण एंबुलेंस करीब दो किलोमीटर दूर ही रुक गई।
परिजन किसी तरह अजय को लेकर पैदल ही मुख्य सड़क तक पहुंचे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इस हादसे के बाद गांव में मातम पसरा है और परिजन बेहद गमगीन हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि कुब्बा गांव वर्षों से विकास की मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गांव में न तो पक्की सड़क है और न ही स्वास्थ्य सुविधा, बिजली या पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था। बरसात के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
गांववालों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गांव में सड़क और एंबुलेंस की सुविधा की मांग की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन ने जताया दुख, जांच के निर्देश
इस घटना पर प्रशासन की ओर से दुख जताया गया है। प्रतापपुर बीडीओ ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है और जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि कुब्बा गांव की सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी और ग्रामीणों को जल्द राहत मिलेगी।
इस घटना ने एक बार फिर से ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को उजागर कर दिया है। एक ओर सरकारें गांवों के विकास के बड़े-बड़े दावे करती हैं, वहीं दूसरी ओर आज भी कई गांव बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं।

