एम्स भोपाल का नया कदम: आपात स्थिति में पोर्टेबल अस्पताल से त्वरित चिकित्सा सहायता

अब किसी भी प्रकार के एक्सीडेंट या आपदा के दौरान घायलों को तुरंत इलाज की सुविधा मिल सकेगी, क्योंकि एम्स भोपाल ने अपने पोर्तेबल अस्पताल का उपयोग शुरू कर दिया है। यह अस्पताल आपातकालीन स्थिति में घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने में मदद करेगा, ताकि इलाज में देरी की स्थिति से बचा जा सके।
🚑 क्या है यह पोर्टेबल अस्पताल?
यह अस्पताल एक माइक्रो हस्पिटल यूनिट है, जिसे आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए तैयार किया गया है। इस पोर्टेबल अस्पताल को भीष्म क्यूब (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित और मैत्री) नाम दिया गया है। इसे केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया गया है।
🌍 उपयोग का दायरा
इन पोर्तेबल अस्पतालों को आपातकालीन स्थिति में कहीं भी ले जाया जा सकता है। यह सड़क दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं, प्रदूषण से संबंधित बीमारियों या किसी भी बड़े संकट के दौरान त्वरित इलाज देने में सक्षम हैं। इस अस्पताल में सभी प्रकार के इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें ऑपरेशन और अन्य आधुनिक उपचार शामिल हैं।
🏥 सुविधा और महत्व
एम्स भोपाल के चिकित्सा निदेशक ने इस पोर्टेबल अस्पताल की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रणाली से संकट के समय लोगों को तुरंत और प्रभावी चिकित्सा मिल सकेगी। यह विशेष रूप से उन स्थानों पर मददगार साबित होगा जहां स्थायी अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो या इलाज में देरी हो।
🇮🇳 भारत में पहली बार
यह प्रदेश में पहली बार हो रहा है जब इस तरह के पोर्टेबल अस्पताल का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे न केवल सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं में तुरंत मदद मिलेगी, बल्कि मेडिकल टीम को ज्यादा कुशलता से कार्य करने का मौका मिलेगा।
🚨 उद्देश्य
इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य है आपातकालीन स्थितियों में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना, ताकि घायलों की जान बचाई जा सके और उन्हें उचित समय पर इलाज मिल सके।