जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उप राष्ट्रपति पद के लिए नामों की चर्चा तेज, बीजेपी और इंडिया गठबंधन की ओर से प्रत्याशियों के दावे
भारत के उप राष्ट्रपति पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद इस महत्वपूर्ण पद के लिए नए नामों की संभावनाएं खुल गई हैं। हाल के घटनाक्रम के बाद, यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगला उप राष्ट्रपति भारतीय जनता पार्टी (BJP) से ही हो सकता है। हालांकि, इस बीच इंडिया गठबंधन भी इस पद के लिए अपने प्रत्याशी का ऐलान कर सकता है, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो सकता है।
बीजेपी की ओर से संभावित उम्मीदवार
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, बीजेपी की ओर से कई नामों की चर्चा हो रही है। बीजेपी ने पहले भी इस पद के लिए कई मजबूत नेताओं को उम्मीदवार बनाया है, और यह संभावना जताई जा रही है कि पार्टी एक बार फिर से इस पद के लिए अपने पक्ष में कोई बड़ा नाम उतार सकती है। पार्टी द्वारा नेताओं की एक सूची तैयार की जा रही है, जिसमें ऐसे नाम हो सकते हैं जो राष्ट्रीय राजनीति में प्रभावशाली रहे हैं और जिनकी छवि साफ-सुथरी रही हो।
इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी
वहीं, इंडिया गठबंधन भी इस दावेदारी को लेकर पीछे नहीं है। सूत्रों के अनुसार, इंडिया गठबंधन की ओर से भी उप राष्ट्रपति पद के लिए नामों की चर्चा हो रही है। गठबंधन के सदस्य दल इस पद के लिए एक सर्वसम्मत उम्मीदवार की तलाश में हैं, जो गठबंधन के सभी दलों के बीच एकजुटता और सहयोग को बढ़ावा दे सके।
गठबंधन की ओर से ऐसे नामों पर विचार हो सकता है जो राजनीतिक अनुभव और सामाजिक लोकप्रियता के साथ-साथ विविधता और संतुलन को भी ध्यान में रखते हुए चुने जाएं। यह उम्मीदवार उप राष्ट्रपति पद की संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम होगा और विपक्षी गठबंधन की ताकत को दर्शा सकेगा।
आगामी चुनाव और राजनीति
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। इस पद को लेकर होने वाली चर्चा और उम्मीदवारों के चयन से यह स्पष्ट हो रहा है कि भारतीय राजनीति में इस बार उप राष्ट्रपति चुनाव में ज्यादा राजनीतिक गणित और स्ट्रैटेजी का असर देखने को मिल सकता है।
राजनीतिक दृष्टि से, उप राष्ट्रपति पद महज एक प्रतीकात्मक पद नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर राज्यसभा के सभापति के रूप में। इसलिए, इस पद के लिए चुने जाने वाले उम्मीदवार का राष्ट्रीय राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है।

