महाराष्ट्र में 20 साल बाद ठाकरे भाईयों ने किया राजनीतिक गठबंधन, फुटेज में समझें शिवसेना और मनसे मिलकर लड़ेंगे बीएमसी चुनाव
महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार ने एक बार फिर से ऐतिहासिक कदम उठाया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की मनसे ने मिलकर 20 साल बाद बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) चुनावों में गठबंधन करने का ऐलान किया है। बुधवार को दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस गठबंधन की आधिकारिक घोषणा की।
उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “हमारी सोच एक है। अगर हम बंटेंगे तो बिखर जाएंगे। महाराष्ट्र के लिए हम सब एक हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह गठबंधन केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सेवा और विकास के लिए किया गया है।
इस अवसर पर ठाकरे भाईयों ने पहले शिवाजी पार्क स्थित बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कदम से यह संदेश गया कि दोनों राजनीतिक दलों के बीच भावनात्मक और राजनीतिक समझदारी भी कायम है।
राज ठाकरे ने भी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उद्धव और वह महाराष्ट्र और मुंबई के हित में एकजुट होकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता की उम्मीदों और विश्वास के अनुसार यह गठबंधन तैयार किया गया है।
यह गठबंधन पिछले पांच महीने में ठाकरे भाईयों का दूसरा सार्वजनिक मिलन है। इस साल जुलाई में मुंबई के वर्ली डोम में आयोजित मराठा एकता रैली में भी दोनों नेता एक मंच पर नजर आए थे। इससे पहले 2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली में दोनों भाई एक साथ दिखाई दिए थे। इन घटनाओं ने राजनीतिक विशेषज्ञों के बीच यह अनुमान लगाया कि आगामी बीएमसी चुनावों में ठाकरे परिवार की एकजुटता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
इस गठबंधन से बीएमसी चुनाव में महत्वपूर्ण वोट बैंक पर असर पड़ेगा। उद्धव और राज के संयुक्त कदम से न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है, बल्कि आम जनता में भी गठबंधन के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
बीएमसी चुनाव से पहले यह गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। दोनों नेताओं का उद्देश्य न केवल चुनाव जीतना है, बल्कि शहर के विकास और सामाजिक-राजनीतिक संतुलन बनाए रखना भी है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस गठबंधन से अन्य पार्टियों को चुनौती मिल सकती है। यह गठबंधन आगामी चुनावी रणनीति और वोटर आधार को प्रभावित करने में अहम साबित होगा।
उद्धव और राज ठाकरे का यह संयुक्त कदम दर्शाता है कि परिवारिक और राजनीतिक समझौते राजनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। आगामी बीएमसी चुनाव में ठाकरे भाईयों का यह गठबंधन निश्चित ही राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव लाने वाला है।

