मुंबई में दही हांडी की प्रैक्टिस के दौरान 11 वर्षीय गोविंदा की मौत, बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल
मुंबई के दहिसर इलाके में सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित होने वाले दही हांडी उत्सव की तैयारी के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ। मानव पिरामिड बनाने की प्रैक्टिस के समय 11 वर्षीय गोविंदा, महेश जाधव, गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। इस घटना ने न केवल उत्सव के माहौल को गमगीन कर दिया, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और आयोजन में उनकी भागीदारी को लेकर गंभीर चिंताएं भी खड़ी कर दी हैं।
घटना कैसे हुई
स्थानीय पुलिस के अनुसार, दहिसर में खुले मैदान में दही हांडी मंडल के सदस्य पिरामिड बनाने की प्रैक्टिस कर रहे थे। महेश, जो पिरामिड की ऊपरी पंक्ति में था, अचानक संतुलन खो बैठा और नीचे गिर पड़ा। गिरते समय उसका सिर ज़मीन से टकरा गया, जिससे उसे गंभीर चोट आई। घटना के तुरंत बाद मंडल के सदस्य और स्थानीय लोग उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस का बयान
दहिसर पुलिस ने बताया कि हादसे के संबंध में फिलहाल आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा कि घटना के समय बच्चों के लिए कोई सुरक्षा जाल (सेफ्टी नेट) या हेलमेट जैसी सुविधाएं मौजूद नहीं थीं।
सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
दही हांडी उत्सव महाराष्ट्र का एक प्रमुख सांस्कृतिक पर्व है, जिसमें युवा और बच्चे ऊंची पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ते हैं। हालांकि, हर साल ऐसे अभ्यास और आयोजन के दौरान कई लोग घायल होते हैं, और कभी-कभी जानलेवा हादसे भी हो जाते हैं।
बच्चों की भागीदारी को लेकर पहले भी विवाद उठ चुके हैं। अदालतें और प्रशासन कई बार आयोजन समितियों को सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दे चुके हैं, जिसमें पिरामिड की अधिकतम ऊंचाई, प्रतिभागियों की उम्र सीमा और सेफ्टी गियर का इस्तेमाल शामिल है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
महेश की मौत के बाद स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि आयोजकों को बच्चों को खतरनाक ऊंचाई पर चढ़ाने के बजाय प्रशिक्षित वयस्कों को ही पिरामिड की ऊपरी पंक्तियों में रखना चाहिए। साथ ही, पुलिस और नगरपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर प्रैक्टिस और आयोजन में सुरक्षा मानकों का पालन हो।
प्रशासन की अपील
हादसे के बाद मुंबई पुलिस और बीएमसी ने आयोजकों से अपील की है कि वे सभी प्रतिभागियों के लिए हेलमेट, घुटने और कोहनी के गार्ड का इस्तेमाल सुनिश्चित करें और बच्चों को ऊपरी पंक्तियों में चढ़ने से रोकें।

