17 मार्च को महाराष्ट्र के नागपुर में मुगल शासक औरंगजेब की मजार पर भीषण हिंसा हुई थी। इस दौरान पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। दंगाइयों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस घटना ने राज्य की राजनीति गरमा दी है। पुलिस लगातार आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है। बताया जा रहा है कि अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मंगलवार (25 मार्च) को पत्रकारों से बात करते हुए, नागपुर के पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंघल ने कहा कि पुलिस हिंसा के दौरान प्रसारित सोशल मीडिया पोस्ट की जांच कर रही है और उन्हें अपलोड करने वाले कुछ लोगों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अब तक हिंसा के सिलसिले में 114 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि साक्ष्यों के आधार पर जांच चल रही है।
हिंसा में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सिंघल ने कहा कि पूरे नागपुर शहर में शांति है और जांच के दौरान पुलिस को जो भी सबूत मिल रहे हैं, उनके आधार पर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। नए सीसीटीवी फुटेज और वीडियो सामने आ रहे हैं। आयुक्त ने कहा कि साइबर टीम और सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है तथा और गिरफ्तारियां की जाएंगी। उन्होंने बताया कि हिंसा के संबंध में कम से कम 13 मामले दर्ज किये गये हैं और 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया है।
हिंसा में घायल एक व्यक्ति की मौत हो गई।
दरअसल, छत्रपति संभाजी नगर जिले में औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग को लेकर विहिप के विरोध प्रदर्शन के दौरान यह अफवाह फैल गई कि एक चादर पर लिखी आयतें जलाई जाएंगी, जिसके कारण दोनों समुदायों के बीच दंगे भड़क गए। इस दौरान शहर के कई इलाकों में भारी पथराव और आगजनी की खबरें आईं। इस हिंसा में तीन उपायुक्त स्तर के अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के बाद शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है।