राज्यसभा में आज पेश होगा वक्फ बिल, 12 घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा में लगी मुहर
बिहार समेत पूरे देश में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर चर्चा चल रही है। कुछ दिन पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर बिहार की राजधानी के गर्दनी बाग धरना स्थल पर वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि बिहार के मुसलमान वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ हैं। आयोजकों ने यह भी दावा किया कि बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि बिहार में वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है।
बिहार में दो वक्फ बोर्ड हैं। इनमें बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड और बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड शामिल हैं। बिहार में वक्फ के बेहतर प्रशासन के लिए 1948 में बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई थी। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष इरशादुल्लाह हैं, जबकि बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड की स्थापना बिहार वक्फ अधिनियम 1947 के तहत की गई थी। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास हैं।
हजारों हेक्टेयर भूमि
बिहार में दोनों वक्फ बोर्डों की संयुक्त संपत्ति पर नजर डालें तो इन दोनों वक्फ बोर्डों के पास अरबों रुपए की जमीन है। बिहार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सूत्रों की मानें तो इन दोनों वक्फ बोर्डों के पास बिहार में करीब 29 हजार बीघा जमीन है। जेपीसी रिपोर्ट पर गौर करें तो शिया वक्फ बोर्ड के पास करीब 5000 बीघा जमीन है जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास करीब 24 हजार बीघा जमीन है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिया वक्फ बोर्ड के पास करीब 1,672 संपत्तियां हैं, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास करीब 6,480 संपत्तियां हैं।
पटना समेत अन्य शहरों में संपत्ति
बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड द्वारा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, राजधानी के साथ-साथ राज्य के अन्य शहरों में भी वक्फ संपत्तियां हैं। इनमें राजधानी स्थित अंजुमन इस्लामिया हॉल, हजरत सैयद शहीद पीर मुराद शाह मजार, बेली रोड, बाबा मखदूम शाह अंजान पीर, मजार गली शरीफ, शेखपुरा, गोलकपुर कब्रिस्तान, हजरत दीवान जफर वक्फ स्टेट, मीर मुहल्ला, बाढ़, धनौत कब्रिस्तान, खगौल, हाजिदबाग स्टेट, हजरत कब्रिस्तान शामिल हैं। मुजफ्फरपुर एवं नूर मोहम्मद वक्फ स्टेट, बरियारपुर, पूर्वी चंपारण।