बिहार में ऑटो से स्कूल जाते रहेंगे बच्चे, चालकों को रखना होगा इस बात का ध्यान
बिहार में स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। अब चूंकि सुरक्षा मानक पूरे कर लिए गए हैं, इसलिए ऑटो चालक बच्चों को स्कूल ला सकेंगे और ले जा सकेंगे। हालांकि, ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल ले जाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। यह निर्णय ऑटो यूनियन के एडीजी ट्रैफिक के साथ विचार-विमर्श में लिया गया। ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि ऑटो यूनियन की मांग और अभिभावकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने लचीला रुख अपनाते हुए यह फैसला लिया है। ऑटो चालकों को चरणबद्ध तरीके से बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं।
माता-पिता चिंतित थे.
हादसों को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने एक अप्रैल से ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों के परिवहन पर रोक लगा दी थी। इससे ऑटो चालकों में नाराजगी थी, वहीं अभिभावक भी चिंतित थे। दरअसल, पटना में कई बच्चे ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूल जाते हैं। ऑटो चालकों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यातायात पुलिस ने ऑटो यूनियन के साथ बैठक की। इसमें यातायात पुलिस अधिकारियों ने वाहन चालकों को राहत देते हुए कहा कि 9 अप्रैल तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
जून तक वाहनों में लगाना होगा जीपीएस सिस्टम
ऑटो यूनियन ने एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार से वार्ता की। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि निर्धारित सुरक्षा नियमों का पालन करने वाले ऑटो को बच्चों को ले जाने की अनुमति दी जाए। हालांकि, ई-रिक्शा में बच्चों को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। वाहनों में सुरक्षा मानकों के लिए समय निर्धारित किया गया है। स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने के लिए एक मई तक वाहन मालिकों को वाहन का दरवाजा एक तरफ से बंद रखना होगा, क्षमता से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जाएगा तथा वाहन पर 'ऑन स्कूल ड्यूटी' लिखना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, 1 जून तक उन ऑटो को जीपीएस सिस्टम, स्पीडोमीटर आदि से लैस करना होगा।