32 लाख किटों के वितरण से मुसलमानों को असली खुशी नहीं मिलेगी : अबू आजमी
मुंबई, 27 मार्च (आईएएनएस)। भाजपा की तरफ से रमजान में ईद से पहले देश के 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को 'सौगात-ए-मोदी' किट का वितरण किया जा रहा है। हाल ही में मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ के कारण चर्चा में आए समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने कहा है कि इन किटों के वितरण से मुसलमानों को "वास्तविक खुशी नहीं मिलेगी"।
अबू आजमी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, " 'सौगात-ए-मोदी' किट से नहीं बल्कि मुसलमानों को असली खुशी उस समय मिलेगी, जब जेलों में बंद निर्दोष मुसलमानों को ईद से पहले रिहा कर दिया जाएगा। अगर आपने उनसे कहा होता कि घर जाओ और अपने परिवार के साथ ईद मनाओ, तो मैं इसे असली तोहफा मानता। अगर आप वाकई तोहफा देना चाहते हैं, तो वह तोहफा मुसलमानों को भीमराव अंबेडकर के संविधान द्वारा दिए गए अधिकार होते, जिसके तहत हर व्यक्ति को उसकी संख्या के हिसाब से उसका हक मिलना चाहिए। अगर आपने ऐसा किया होता, तो मैं इसे तोहफा मानता।"
आजमी ने भाजपा पर आगामी बिहार चुनाव के मद्देनजर मुसलमानों को प्रभावित करने के लिए इस पहल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि आउटरीच कार्यक्रम केवल कल्याण प्रदान करने के बहाने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर वोट हासिल करने का प्रयास है।
सपा नेता ने कहा, "इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चुनाव नजदीक होने पर ऐसी चीजें होती हैं। बिहार चुनाव नजदीक आते ही ऐसा लगता है कि भाजपा मुसलमानों को खुश करने की कोशिश कर रही है। वे मुसलमानों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि पूरा मुस्लिम समुदाय वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहा है। जमीन के मालिक बदलाव नहीं चाहते, लेकिन भाजपा संशोधन करने पर आमादा है। यह किस तरह का तोहफा है? असली मुद्दा यह है कि वे मस्जिदों में घुस रहे हैं, कुरान जला रहे हैं और मुसलमानों को परेशान कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "आप ये तथाकथित तोहफे दे रहे हैं, लेकिन आप मुसलमानों को एक मंत्री, एक विधायक या एक सांसद भी नहीं देंगे। ऐसे तोहफों की कोई जरूरत नहीं है। असली तोहफा तब होगा जब मुसलमानों को संविधान द्वारा दिए गए अधिकार दिए जाएंगे। तभी मैं इसे सही मायने में तोहफा मानूंगा और मुझे यह अच्छा लगेगा।"
--आईएएनएस
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