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चैत्र नवरात्रि में मिलेगी शनिदेव की कष्टकारी साढ़े साती से मुक्ति, वीडियो में जानिए ये 5 उपाय जो बदल सकते हैं आपकी किस्मत

नवरात्रि एक विशेष त्यौहार है जिसका भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है। यह त्यौहार देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करने का समय है। इस दौरान शक्ति, भक्ति और तप के माध्यम से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर मिलता है। शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति के लिए भी नवरात्रि का समय बहुत लाभकारी माना जाता है। शनि के प्रभाव से जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति पाने के लिए नवरात्रि के दिनों में किए गए उपाय विशेष रूप से कारगर साबित होते हैं। आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति के लिए नवरात्रि क्यों महत्वपूर्ण है और इस दौरान क्या उपाय करने चाहिए।


शनि की साढ़ेसाती और नवरात्रि के बीच संबंध
शनि की साढ़ेसाती एक ऐसा समय होता है जब शनि ग्रह व्यक्ति के जीवन पर तीन चरणों में अपना प्रभाव डालता है। यह प्रभाव सात साल तक रहता है और प्रत्येक चरण ढाई साल का होता है। कर्मदाता के रूप में शनि व्यक्ति को उसके अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं। जब यह साढ़ेसाती शुरू होती है तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां, व्यवधान और संकट उत्पन्न हो सकते हैं। इस दौरान नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, इनमें से एक महत्वपूर्ण उपाय नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा और अनुष्ठान है।

नवरात्रि में साढ़ेसाती से मुक्ति के उपाय
शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति पाने के लिए नवरात्रि का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान की गई पूजा-अर्चना से शनि के प्रभाव को कम किया जा सकता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। शनि के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए यह पूजा बेहद लाभकारी मानी जाती है। शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति के लिए खासतौर पर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।

दुर्गा सप्तशती के श्लोकों में मां दुर्गा की महिमा का वर्णन किया गया है। अगर नवरात्रि के दिनों में इन श्लोकों का नियमित पाठ किया जाए तो शनि के कष्ट कम हो सकते हैं। इसके अलावा इस समय शनि देव की पूजा करना भी बेहद लाभकारी होता है। शनिदेव के मंत्रों जैसे "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करने से शनि का प्रभाव कम होता है। शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति के सामने तेल का दीपक जलाना और काले तिल या लोहे की वस्तु दान करना भी शनि के बुरे प्रभावों को कम करता है।

हनुमान जी की पूजा और व्रत

नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व है। हनुमान चालीसा का पाठ करने और हनुमान जी का व्रत रखने से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं। हनुमान जी की कृपा से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और व्यक्ति को समृद्धि प्राप्त होती है। शनि के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा करना एक कारगर उपाय माना जाता है।

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