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Chaitra Navratri 2025:आज दुर्गाष्टमी के दिन करे मां महागौरी की पूजा, वायरल वीडियो में जानिए शुभ मुहूर्त,पूजा विधि, मंत्र और भोग 

चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस पर्व में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। आज 5 अप्रैल 2025 को अष्टमी पर देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जा रही है। दुर्गाष्टमी के अवसर पर कई स्थानों पर विशेष उत्सवों का आयोजन किया जाता है। यहां हम दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बता रहे हैं

दुर्गाष्टमी तिथि आज
चैत्र नवरात्रि में 5 अप्रैल को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 4 अप्रैल को रात 8:12 बजे शुरू होगी और 5 अप्रैल को शाम 7:26 बजे समाप्त होगी। इसलिए पंचांग के अनुसार उदयातिथि के अनुसार 5 अप्रैल को दुर्गा अष्टमी मनाई जा रही है।

माँ महागौरी पूजा विधि
सूर्योदय से पहले उठें और स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माँ की मूर्ति को गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद माँ को सफेद वस्त्र अर्पित करें, क्योंकि माँ महागौरी को सफेद रंग बहुत प्रिय है। माता को रोली, कुमकुम आदि लगाएं। उन्हें पंच मेवा, फल और मिठाई के साथ काले चने का भोग लगाएं। इसके बाद माता की आरती करें। अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है।

कन्या पूजन
अष्टमी या नवमी तिथि पर नौ कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें भोजन कराना शुभ माना जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में अष्टमी तिथि 5 अप्रैल और नवमी तिथि 6 अप्रैल है, इस दिन कन्या पूजन किया जा सकता है। इस अवसर पर हलवा, पूरी, चना और नारियल का प्रसाद दें और कन्याओं के पैर धोकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा कर ग्रहों की शांति
मान्यता है कि मां की पूजा करने से कुंडली में मंगल दोष शांत होता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से राहु-केतु की अशुभता कम होती है और नवरात्रि के नौ दिनों में व्रत रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है। इसके अलावा ज्योतिषियों का मानना ​​है कि मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से नवग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से जीवन में शांति और सौभाग्य बढ़ता है।

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