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अगर पुरुष ने नहीं समझे पत्नियों के ये इशारे तो पूरा जीवन गृहस्थी में होते रहेंगे झगड़े, वीडियो में जानिए इसका जड़ से इलाज 

लेकिन इस साझेदारी में दरारें तब आने लगती हैं जब एक-दूसरे की छोटी-छोटी बातों, हाव-भाव और भावनाओं को नज़रअंदाज़ किया जाता है। अक्सर पुरुषों की शिकायत होती है कि उनकी पत्नियाँ बहुत शिकायत करती हैं, छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ हो जाती हैं - लेकिन सच तो यह है कि कई बार वो पत्नियाँ अपने इशारों में ही बहुत कुछ कह चुकी होती हैं, जिसे पुरुष समझ नहीं पाते।


घर में झगड़े क्यों बढ़ते हैं?
कई मनोवैज्ञानिक शोध बताते हैं कि घरेलू कलह का एक बड़ा कारण यह है कि पति-पत्नी एक-दूसरे की भावनात्मक भाषा को समझ नहीं पाते। और जब बात महिलाओं की आती है, तो वे सीधे-सीधे कहने के बजाय इशारों, हाव-भाव, व्यवहार और खामोशी से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना ज़्यादा पसंद करती हैं।

अब सवाल यह है कि वे कौन से संकेत हैं जिन्हें अगर पुरुष समय रहते समझ लें, तो रिश्ते में मिठास बनी रह सकती है?

1. जब वो बार-बार कहती है - "कुछ नहीं हुआ"
अगर आप ये शब्द सुनकर निश्चिंत हो जाते हैं, तो थोड़ा सावधान हो जाएँ। जब महिलाएँ कहती हैं "कुछ नहीं हुआ" तो अक्सर इसके पीछे बहुत कुछ होता है। यह एक भावनात्मक संकेत है कि वो नाराज़ हैं लेकिन खुलकर नहीं बोलना चाहतीं। ऐसे में ज़रूरी है कि आप उसके साथ बैठें, बात करें और उसे एहसास दिलाएँ कि आप उसकी परवाह करते हैं।

2. अचानक चुप हो जाना
अगर आपकी पत्नी अचानक चुप हो जाती है, बात करने में दिलचस्पी नहीं लेती या आपके सवालों का जवाब सिर्फ़ “हम्म”, “ठीक है” तक सीमित रखती है – तो यह गुस्से या भावनात्मक दूरी का संकेत है। यह संकेत आपको बता रहा है – “मुझे समझो, मेरे साथ चलो।”

3. घर के कामों में चिड़चिड़ापन दिखाना
अगर आपकी पत्नी अब उस काम को करते समय चिड़चिड़ापन या थकान दिखाती है जिसे वह पहले खुशी-खुशी करती थी, तो यह संकेत है कि वह थक गई है – शारीरिक रूप से नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से। उसे सहारे और प्रशंसा की ज़रूरत है। “तुम बहुत अच्छा करती हो” जैसे शब्द ही उसे बहुत सुकून दे सकते हैं।

4. हर चीज़ में तुलना करना
अगर वह बार-बार आपकी तुलना दूसरी पत्नियों, जोड़ों या दोस्तों से करने लगे – जैसे “देखो वह अपनी पत्नी को कैसे ट्रिप पर ले गया” या “उसने शादी की सालगिरह पर सरप्राइज़ दिया” – तो इसका मतलब है कि वह थोड़ा रोमांस चाहती है, आपकी तरफ़ से थोड़ी पहल चाहती है।

5. बच्चों को लेकर बार-बार चिंता जताना
यह इस बात का संकेत है कि वह अकेलापन महसूस कर रही है, और चाहती है कि आप भी बच्चों की परवरिश में उतनी ही दिलचस्पी लें। जब पुरुष सिर्फ़ कमाने तक सीमित रह जाते हैं, तो महिलाओं को लगता है कि घर और बच्चों की पूरी ज़िम्मेदारी सिर्फ़ उनकी है।

समय रहते इन संकेतों को समझना क्यों ज़रूरी है?
रिश्ते में संवाद सिर्फ़ शब्दों से ही नहीं, बल्कि आँखों, हाव-भाव, खामोशी और छोटे-मोटे व्यवहार से भी होता है। अगर समय रहते इन संकेतों को न समझा जाए, तो रिश्ता धीरे-धीरे भावनात्मक रूप से कमज़ोर होने लगता है।

भावनात्मक दूरी मानसिक तनाव को बढ़ाती है
आजकल मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई मामले इसलिए बढ़ रहे हैं, क्योंकि लोग अपने जीवनसाथी की भावनाओं को समझ नहीं पाते। यह समझ की कमी धीरे-धीरे अवसाद, चिड़चिड़ापन और दूरी में बदल सकती है।

पुरुषों को क्या करना चाहिए?
सुनना सीखें: सिर्फ़ सुनें नहीं, ध्यान से सुनें।
प्रशंसा: बिना किसी कारण के भी "धन्यवाद", "आप बहुत अच्छा करते हैं" जैसे शब्द बहुत असर डालते हैं।
संवेदनशील बनें: उनके शब्दों, काम और थकान को महसूस करें।
रोजाना संवाद करें: बिना मोबाइल के रोजाना 10 मिनट एक-दूसरे से बात करें।

निष्कर्ष
पत्नी के इशारे सिर्फ भावनात्मक ड्रामा नहीं होते, बल्कि रिश्ते की नमी बनाए रखने के संकेत होते हैं। अगर पुरुष इन संकेतों को समझने लगें, तो न सिर्फ झगड़े कम होंगे बल्कि रिश्ता भी गहरा होगा। शादी एक ऐसा सफर है जिसमें अगर आप एक-दूसरे की भावनाओं को पहचानना और उनका सम्मान करना सीख जाएं, तो यह सफर हमेशा खूबसूरत बना रह सकता है।

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