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भारत में iPhone मैनुफैक्चरिंग को बढ़ाकर 18 फीसदी कर सकती है एप्पल, जानें मौजूदा मार्केट शेयर

टेक न्यूज़ डेस्क - मोबाइल बनाने वाली कंपनियों के लिए सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी पीएलआई स्कीम एपल को भारत में आईफोन बनाने के लिए प्रेरित कर रही है। खबर है कि साल 2025 तक कंपनी अपने कुल आईफोन का 18 फीसदी भारत में बनाएगी। फिलहाल यह 7 फीसदी है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक बैंक ऑफ अमेरिका के इंडिया हेड और मैनेजिंग डायरेक्टर अमीश शाह ने कहा है कि हमारा मानना है कि भारत मोबाइल फोन/इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन विकल्प हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में भी सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। हमारा मानना है कि आयात में कटौती/निर्यात बढ़ाने के भारत के प्रयासों से इसके मैक्रो-आउटलुक में सुधार हो सकता है।

ऐपल की हिस्सेदारी और बढ़ सकती है
शाह का कहना है कि ऐपल वित्त वर्ष 2025 तक 18 फीसदी आईफोन प्रॉडक्शन भारत में शिफ्ट कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐप्पल के विक्रेताओं को भारत में बड़े पैमाने पर विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है तो ऐप्पल की हिस्सेदारी और बढ़ सकती है।

भारत में दो रिटेल स्टोर खोले गए हैं
बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अगर ऐप्पल के विक्रेता देश में अपने परिचालन का विस्तार करते हैं, जहां उसने दो प्रत्यक्ष खुदरा ऐप्पल स्टोर (मुंबई और दिल्ली) खोले हैं, तो हिस्सेदारी और बढ़ सकती है। वित्त वर्ष 2025 तक भारत एप्पल की वैश्विक आईफोन बिक्री में 5 प्रतिशत से अधिक का योगदान कर सकता है।

Apple का बाजार हिस्सा
भारत में Apple की बाजार हिस्सेदारी, जो वर्तमान में 4 प्रतिशत है, में भी वृद्धि होने की संभावना है यदि स्थानीय रूप से निर्मित iPhones को जनता के लिए अधिक किफायती बनाया जाता है। अमीश शाह ने यह भी बताया कि एक मोबाइल फोन की निर्माण लागत का 70 प्रतिशत उसके डिस्प्ले, मेमोरी और चिप्स से संबंधित है, और उच्च कैपेक्स और उच्च तकनीक की आवश्यकता के कारण निकट भविष्य में इनका स्थानीयकरण करना मुश्किल है।

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