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कुणाल कामरा विवाद पर छलका हंसल मेहता का दर्द, बोले- महाराष्ट्र के लिए यह नई बात नहीं

मुंबई, 25 मार्च (आईएएनएस)। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के उपमुख्यमंत्री का नाम लिए बिना की गई टिप्पणी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस बीच कामरा के समर्थन में फिल्म जगत के कई कलाकार नजर आए। अभिनेत्री स्वरा भास्कर के बाद निर्माता-निर्देशक हंसल मेहता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि महाराष्ट्र के लिए ये कोई नई बात नहीं है।

मुंबई, 25 मार्च (आईएएनएस)। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के उपमुख्यमंत्री का नाम लिए बिना की गई टिप्पणी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस बीच कामरा के समर्थन में फिल्म जगत के कई कलाकार नजर आए। अभिनेत्री स्वरा भास्कर के बाद निर्माता-निर्देशक हंसल मेहता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि महाराष्ट्र के लिए ये कोई नई बात नहीं है।

हंसल मेहता ने 25 साल पहले बनाई मनोज बाजपेयी स्टारर फिल्म 'दिल पे मत ले यार' से जुड़े एक किस्से को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया। मेहता ने शिवसेना के दिए अपने पुराने घाव को याद करते हुए लिखा, “कुणाल कामरा के साथ जो हुआ, वह दुख की बात है। महाराष्ट्र के लिए यह नया नहीं है। मैं खुद भी इससे गुजर चुका हूं। 25 साल पहले, उसी (तब अविभाजित) राजनीतिक दल के वफादारों ने मेरे कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की, मेरे साथ मारपीट की, मेरे चेहरे पर कालिख पोत दी और मुझे अपनी फिल्म के एक संवाद के लिए एक बुजुर्ग महिला के पैरों पर गिरकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए मजबूर किया।”

उन्होंने आगे कहा, “फिल्म को सेंसर बोर्ड ने 27 अन्य कट के साथ पहले ही मंजूरी दे दी थी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। तथाकथित माफी वाली जगह पर 20 से ज्यादा राजनीतिक हस्तियां पहुंची थीं और उस घटना की निगरानी की, जिसे केवल सार्वजनिक रूप से शर्मसार करने वाला ही कहा जा सकता है। 10,000 दर्शक और मुंबई पुलिस के साथ सब चुपचाप देखते रहे। उस घटना ने न केवल मेरे शरीर को बल्कि मेरी आत्मा को भी घायल कर दिया। इसने मेरी फिल्म निर्माण की क्षमता को कुंद कर दिया, मेरे साहस को दबा दिया, जिन्हें वापस पाने में कई साल लग गए।“

हंसल ने लिखा, “चाहे असहमति कितनी भी गहरी हो, चाहे उकसावे की गहराई कितनी भी हो - हिंसा, धमकी और अपमान को कभी भी सही नहीं कहा जा सकता। हम सब पर खुद को और एक-दूसरे को बेहतर बनाने का दायित्व है। हमें खुद से संवाद, असहमति और गरिमा का दायित्व है।“

--आईएएनएस

एमटी/केआर

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