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शिक्षक संघ का बड़ा ऐलान, वीडियो में देखें निलंबित शिक्षकों की बहाली की मांग

राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र एक बार फिर आंदोलित होने की ओर बढ़ रहा है। राजस्थान शिक्षक संघ ने अध्यापकों से जुड़ी विभिन्न मांगों और नीतिगत विरोध को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। यह निर्णय संघ की स्थायी समिति की हाल ही में सम्पन्न बैठक में लिया गया, जिसमें सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

शिक्षक संघ ने सरकार पर शिक्षकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि लंबे समय से लंबित स्थानांतरण और पदोन्नति की मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को भी संघ ने शिक्षकों के हितों के खिलाफ बताते हुए खुलकर विरोध किया है। संघ का कहना है कि यह नीति निजीकरण को बढ़ावा देती है और सरकारी शिक्षकों की भूमिका को सीमित करती है।

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा, “सरकार शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। वर्षों से पदोन्नति रुकी हुई है और स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है। अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नाम पर शिक्षकों पर अतिरिक्त भार डालने की कोशिश की जा रही है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आने वाले दिनों में जिलेवार धरने, विरोध प्रदर्शन और ultimately राजधानी जयपुर में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। संघ ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द बातचीत कर समाधान नहीं निकाला, तो प्रदेशभर में शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो सकता है।

शिक्षकों के निलंबन मामलों को लेकर भी संगठन ने सरकार और शिक्षा विभाग पर निशाना साधा है। संघ का आरोप है कि बिना जांच और सही प्रक्रिया के कई शिक्षकों को निलंबित किया गया है, जिससे न केवल शिक्षक मानसिक रूप से परेशान हैं, बल्कि शिक्षण व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में शिक्षक समुदाय की नाराज़गी साफ दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि वे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं, लेकिन नीतिगत स्तर पर उन्हें लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

राज्य सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन यह तय है कि अगर शिक्षकों की नाराज़गी इसी तरह बनी रही, तो शिक्षा विभाग के सामने गंभीर संकट खड़ा हो सकता है।

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