जयपुर में राष्ट्रीय आरोग्य मेले का समापन, वीडियो में देखें 20 चिकित्सा अधिकारियों का सम्मान
राजधानी जयपुर के जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में सोमवार को राष्ट्रीय आरोग्य मेला का समापन हुआ। यह मेला अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन और राजस्थान आयुर्वेद मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन (RAMA) द्वारा आयोजित किया गया था। चार दिवसीय इस आयोजन ने न केवल आयुर्वेद, बल्कि यूनानी और होम्योपैथी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर भी महत्वपूर्ण जानकारी आमजन तक पहुंचाई।
आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी का हुआ प्रचार-प्रसार
राष्ट्रीय आरोग्य मेला का उद्देश्य आम जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से परिचित कराना था। मेले में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे और इन पद्धतियों के फायदे समझाए।
इस आयोजन में स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष ध्यान दिया गया, और विशेष रूप से उन पद्धतियों को प्रमोट किया गया जो रोकथाम और प्राकृतिक उपचार के माध्यम से बीमारी का इलाज करती हैं। इसके अलावा, चिकित्सा क्षेत्र के कई प्रसिद्ध चिकित्सक, प्रोफेसर, और स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इस मेला में शामिल हुए और अपने अनुभव साझा किए।
मेला में शामिल हुए हजारों लोग
यह मेला शहरवासियों के लिए एक अनोखा अनुभव था, जहां उन्होंने न केवल आयुर्वेद के बारे में जाना, बल्कि विविध प्रकार के हर्बल उत्पाद, चिकित्सा आयुर्वेद औषधियां और स्वास्थ्य देखभाल के उपायों को भी देखा और समझा। मेले में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण भी उपलब्ध कराया गया।
आयोजन का उद्देश्य
आयोजन के दौरान, आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के मेले आयुर्वेद और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा में लाने का एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह कार्यक्रम देशभर में संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली को संतुलित और प्राकृतिक रूप से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
राजस्थान आयुर्वेद मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, "हमारा उद्देश्य लोगों को सही इलाज और स्वस्थ जीवन जीने के तरीके से परिचित कराना है। इस मेले ने यह साबित किया कि आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां अब अधिक से अधिक लोग अपना रहे हैं।"
समापन समारोह में हुआ सम्मान
समापन समारोह के दौरान, मेले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टरों और चिकित्सा संस्थानों को स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र दिए गए। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री, आयुर्वेद विशेषज्ञ और प्रसिद्ध चिकित्सक मौजूद थे।